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पश्चिम सिंहभूम, 7 जून (हि.स.) । पश्चिमी सिंहभूम (चाईबासा)शहरवासियों के लिए खुशी की खबर है। लंबे समय से चली आ रही मांग आखिरकार पूरी हो गई। शुक्रवार की देर रात बारह बजे चाईबासा रेलवे स्टेशन पर नई मेमू ट्रेन पहुंची, जिसे रेल मंत्रालय की ओर से
चाईबासा को समर्पित किया गया है। इस मौके पर पूर्व मंत्री और भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष बड़कुंवर गागराई स्वयं स्टेशन पहुंचे और ट्रेन चालकों का स्वागत किया। लेकिन लेट लतीफी पर नाराज़गी जताई।
यह ट्रेन अपने निर्धारित समय से करीब एक घंटे की देरी से स्टेशन पहुंची, इसके आगमन ने शहर में नए विकास की उम्मीद जगा दी है।
मौके पर पूर्व मंत्री गागराई ने कहा, यह चाईबासा के लिए अत्यंत गर्व का क्षण है। हमारी पुरानी मांग को स्वीकार कर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री ने यह सौगात दी है, इसके लिए हम उनका दिल से धन्यवाद करते हैं। उन्होंने कहा कि मैं हमारी पार्टी लंबे समय तक रेल को लेकर के संघर्ष किया कोर्ट कचहरी भी हुई।
उन्होंने बताया कि यह मेमू ट्रेन कोलकाता और दिल्ली के बीच चलने वाली प्रतिष्ठित स्टील एक्सप्रेस और पुरुषोत्तम एक्सप्रेस के यात्रियों को जोड़ने में सहायक सिद्ध होगी। इससे आम लोगों को आवागमन में काफी सुविधा होगी।
पूर्व मंत्री ने कहा कि यदि राज्य में डबल इंजन की सरकार होती, तो रेल सेवा का और अधिक विस्तार संभव होता। उन्होंने राज्य सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि केंद्र की योजनाओं का लाभ तब और प्रभावी ढंग से मिलता, जब राज्य सरकार भी उसी दिशा में कार्य करती।
रेल सेवाओं की देरी पर चिंता व्यक्त करते हुए गागराई ने कहा, पिछले दो-तीन वर्षों से देखा जा रहा है कि रेल समय पर नहीं चल पा रही है। उदाहरण के तौर पर, रात्रि जनशताब्दी एक्सप्रेस को इस समय तक हावड़ा पहुंच जाना चाहिए था, लेकिन वह अभी चाईबासा आ रही है, यानी लगभग 7–8 घंटे की देरी से चल रही है।
उन्होंने रेल प्रशासन से आग्रह किया कि समयपालन को प्राथमिकता दी जाए। सफर का मतलब सिर्फ घूमना नहीं होता, हर यात्री की यात्रा का एक उद्देश्य होता है, कोई व्यवसाय के लिए, कोई नौकरी के लिए, तो कोई पढ़ाई के लिए सफर करता है। अगर वह समय पर न पहुंचे, तो उसका उद्देश्य अधूरा रह जाता है।
इस नई मेमू ट्रेन की शुरुआत से चाईबासा के निवासियों को नई उम्मीदें मिली हैं, वहीं बेहतर संचालन और समय की पाबंदी को लेकर जिम्मेदारों की जवाबदेही भी तय होती दिख रही है।
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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद पाठक