पंचायत फंड के दुरूपयोग के आरोपों में सरपंच को डीसी ने किया निलंबित
फतेहाबाद, 27 जून (हि.स.)। पंचायती फंड का दुरूपयोग करने के आरोपों में घिरी ग्राम पंचायत बुवान की सरपंच परमजीत कौर को उपायुक्त ने निलंबित कर दिया है। उपायुक्त मनदीप कौर ने शुक्रवार को हरियाणा पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 51 (1)(बी) के तहत यह कार्रव
सरपंच परमजीत कौर।


फतेहाबाद, 27 जून (हि.स.)। पंचायती फंड का दुरूपयोग करने के आरोपों में घिरी ग्राम पंचायत बुवान की सरपंच परमजीत कौर को उपायुक्त ने निलंबित कर दिया है। उपायुक्त मनदीप कौर ने शुक्रवार को हरियाणा पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 51 (1)(बी) के तहत यह कार्रवाई की है। उपायुक्त ने परमजीत कौर को धारा 51 (2) के तहत पंचायत की किसी भी कार्यवाही में भाग लेने से भी रोक दिया गया है। बता दें कि इससे पहले भी एक बार सरपंच सस्पेंड हो चुकी है लेकिन 15 दिन बाद उसे दोबारा बहाल कर दिया गया था। सरपंच पर आरोप है कि नशे के विरुद्ध निकाली गई साइकिल यात्रा के लिए झूठे बिल लगाए। इस यात्रा में दो डीएसपी, अन्य अधिकारी और कई गांवों के लोग शामिल हुए थे। गांव बुवान से भी बड़ी संख्या में लोग इस यात्रा में शामिल हुए थे। ग्राम पंचायत बुवान ने इन लोगों के लिए जलपान की व्यवस्था की थी। इस पर बतरा स्वीट्स बुवान का बिल पंचायत फंड के चेक से किया गया है। पंचायत का कहना है कि यह भुगतान नियमों के तहत सर्वसम्मति से किया गया। इसके अलावा सरपंच पर शपथ समारोह के दौरान टैंट के झूठे बिल लगाने और वकील को तय फीस से अधिक भुगतान करने के भी आरोप हैं। इन सभी मामलों में पंचायत फंड का दुरुपयोग किया गया। ग्रामीण लखा राम व जैकी कंबोज द्वारा 27 जनवरी 2025 को समाधान शिविर के दौरान सरपंच के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई गई थी। इसके बाद डीडीपीओ ने जांच की, जिसमें आरोप पुष्ट हुए। इन आरोपों के चलते उपायुक्त ने 9 मई 2025 को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इसके जवाब में 14 मई 2025 को सरपंच परमजीत कौर को निजी सुनवाई का अवसर दिया गया। वह पेश तो हुई, लेकिन कोई लिखित दस्तावेज या सबूत पेश नहीं कर सकीं, जिससे आरोप खारिज हो पाते। शुक्रवार को उपायुक्त ने खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी भूना को निर्देश दिए कि यदि सरपंच के पास पंचायत की कोई चल या अचल संपत्ति हो तो उसे कब्जे में लिया जाए।सरपंच परमजीत कौर ने कहा कि अब भी उनका कोई कसूर नहीं है। प्रशासनिक स्तर पर नशामुक्ति यात्रा के लिए लोगों व अधिकारियों के लिए जलपान की व्यवस्था की गई थी। सामान खरीदने वाले को सीधे चेक दिए गए हैं, मगर फिर भी उन्हें निलंबित किया गया है। वह आज भी बेकसूर हैं। उसने एक पैसे की भी गडबड़ी नहीं की है। निर्दोष होने के बाद उनको दोषी बनाया जा रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार / अर्जुन जग्गा