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जयपुर, 2 जून (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट ने सेवा के दौरान दुर्घटनाग्रस्त होकर अनफिट हुए रोडवेज परिचालक से लाइट ड्यूटी की बजाए रूट पर काम कराने के आदेश पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही अदालत ने मामले में रोडवेज एमडी सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश ममता की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता करौली बस स्टैंड पर बुकिंग की लाइट ड्यूटी दी गई थी। वहीं हाल ही में याचिकाकर्ता का ड्यूटी से जाते समय एक्सीडेंट हो गया था और उसकी पटेला बोन टूट गई थी। इस पर याचिकाकर्ता ने मेडिकल बोर्ड से प्रमाण पत्र बनवाकर रोडवेज प्रशासन को पेश किया। मेडिकल प्रमाण पत्र में उसे लाइट ड्यूटी देने की सिफारिश की गई थी। इसके बावजूद भी मुख्य प्रबंधक ने उसकी बस स्टैंड से ड्यूटी हटाकर रूट पर लगा दी। जबकि उसकी मेडिकल कंडीशन ऐसी नहीं है कि वह रूट पर ड्यूटी कर सके। इस संबंध में उसने रोडवेज प्रशासन को पत्र लिखकर लाइट ड्यूटी देने की गुहार की, लेकिन उस पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। याचिका में गुहार की गई है कि रोडवेज प्रशासन को उसे लाइट ड्यूटी पर रखने के निर्देश दिए जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता से बस स्टैंड पर पूर्व की जगह पर काम कराने के निर्देश देते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / पारीक