Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
जयपुर, 4 जून (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट ने ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन को चुनौती देने वाली याचिकाओं को सुनवाई के लिए खंडपीठ में भेज दिया है। जस्टिस अनूप कुमार ढंड ने यह आदेश करौली जिले के राजस्व गांव सिंघनिया और फरकपुर के निवासियों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने अदालत को बताया कि दोनों राजस्व गांव वर्तमान में ग्राम पंचायत कंचनपुर में आते हैं। अब ग्राम पंचायत कंचनपुर से अलग नई ग्राम पंचायत भोजपुर प्रस्तावित की गई है। जबकि तहसीलदार और एसडीओ ने कलेक्टर को भेजी अपनी रिपोर्ट में माना है कि नई प्रस्तावित ग्राम पंचायत की अधिकांश भूमि वन विभाग के अधीन आती है। ऐसे में यहां जरूरी प्रशासनिक भवनों के लिए जमीन उपलब्ध नहीं हो पाएगी। वहीं दोनों राजस्व गांवों के लिए कोई सीधा रास्ता भी नहीं है और उनकी दूरी भी मुख्यालय से करीब बीस किलोमीटर है। याचिका में कहा गया कि पंचायती राज विभाग की गत 13 फरवरी के परिपत्र के अनुसार नई पंचायत में शामिल होने वाले सभी स्थानों की सीमा मिलना जरूरी है। जबकि प्रकरण में इस परिपत्र की भी अवहेलना हुई है। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने प्रकरण को खंडपीठ की ओर से सुनवाई के योग्य मानते हुए उसे वहां भेज दिया है।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / पारीक