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नैनीताल, 2 जून (हि.स.)। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को देहरादून में अवैध पशु वध और केवल स्लाटर हाउस में ही मुर्गा, मछली व बकरे के मीट काटे जाने की मांग वाली जनहित याचिका पर चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी एवं न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने देहरादून निवासी मोनिका मोसेस की याचिका पर यह आदेश दिया।
याचिका में कहा गया है कि दून घाटी में अनधिकृत पशु वध पर प्रतिबंध को सख्ती से लागू किया जाए। याचिकाकर्ता ने उचित पशु चिकित्सा प्रमाण पत्र के साथ ही पशुओं का परिवहन सुनिश्चित करने, सभी अवैध वध की दुकानों को बंद करना, आधुनिक स्वच्छ वधशालाओं की स्थापना करने की मांग की थी। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 के प्रावधानों और वध के संबंध में इसके तहत बनाए गए नियमों का अनुपालन कराने के निर्देश सरकार को दिए जाए। उत्तराखंड राज्य में पशुओं के परिवहन की सीमा और साथ ही न्यायालय के आदेशों का अनुपालन भी सुनिश्चित होना चाहिए। याचिकाकर्ता ने कहा कि देहरादून शहर में जीवित पशुओं और अनियमित मांस मछली के प्रवेश पर रोक लगाई जाए जब तक कि प्रासंगिक पर्यावरण और खाद्य सुरक्षा कानूनों का अनुपालन सुनिश्चित न हो जाए। राज्य पशु कल्याण बोर्ड और नगर निगम अधिकारियों को कानून के अनुसार सभी वध इकाइयों का निरीक्षण किया जाए। याचिकाकर्ता ने कहा कि डीएम देहरादून व एसएसपी देहरादून को दून घाटी में मुर्गी और बकरी सहित पशुओं के अवैध वध और परिवहन को रोकने के लिए सभी आवश्यक उपाय करने का आदेश जारी किए जाने की मांग की थी। याचिकाकर्ता ने कहा कि उसने 3 मार्च 2025 को सचिव शहरी विकास उत्तराखंड शासन देहरादून को प्रत्यावेदन दिया गया, जिसमें कहा गया कि जनपद देहरादून में अवैध रूप से संचालित बूचड़खानों व हाईकोर्ट में विभिन्न जनहित याचिकाओं में पारित आदेशों का पालन नहीं कराया गया है। याचिका में कहा गया है कि बूचड़खानों में नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है, जिससे देहरादून शहर व उसके आसपास काफी गन्दगी फैली हुई है और बीमारी फैलने की सम्भावना है। याचिका में कहा कि हाईकोर्ट ने पूर्व में दिए निर्देशों में कहा था कि किसी दुकान, गली या खुले पर किसी भी पशु को नहीं काटा जाएगा, लेकिन देहरादून की हर गली में पशु काटे जा रहे हैं और इसके बचे अपशिष्ट खुले में फेंके जा रहे हैं। अवैध रूप से आ रहे जीवित पशुओंं, मुर्गे व बकरों से भरी लोडिंग गाड़ियों को रोकने की मांग की थी।
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हिन्दुस्थान समाचार / लता