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रांची 13 जून (हि.स.)। झारखंड हाई कोर्ट में बीआईटी मेसरा परिसर के छात्र राजा पासवान की मौत के मामले में शुक्रवार को सुनवाई हुई। कोर्ट के आदेश पर बीआईटी मेसरा के कुलपति, रजिस्ट्रार, डायरेक्टर के अलावा डीजीपी अनुराग गुप्ता सशरीर हाजिर हुए। कोर्ट ने घटना को रोकने में विफलता पर बीआईटी मेसरा प्रबंधन पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह घटना बीआईटी मेसरा प्रबंधन की सुरक्षा में चुक बताता है।
हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति संजय प्रसाद की कोर्ट ने डीजीपी को झारखंड के शैक्षणिक संस्थाओ में सुरक्षा के मद्देनजर स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) बनाने का निर्देश दिया है। वहीं बीआईटी मेसरा प्रबंधन को अगली सुनवाई में छात्र राजा पासवान की मौत मामले में की गई जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। अगली सुनवाई 24 जून को होगी। दरअसल, मृतक छात्र के शरीर पर दस चोटें थीं।
मामले में आरोपित मौसम कुमार सिंह, अभिषेक कुमार, इरफान अंसारी और साहिल अंसारी की जमानत पर सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि इस मामले में पांच आरोपितों के खिलाफ आरोप गठित हो गया है एवं 12 आरोपितों के खिलाफ जांच चल रही है। राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन, अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार ने पैरवी की।
यह मामला बीआईटी मेसरा पॉलिटेक्निक कॉलेज, रांची के छात्रावास के अंदर छात्रों के बीच हुए झगड़े से संबंधित है। घटना में एक छात्र की मौत हो गई थी। अदालत को सूचित किया गया था कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के नियम 7 का उल्लंघन करते हुए, इस मामले की जांच पुलिस उप-निरीक्षक द्वारा की गई है, जबकि यह डीएसपी रैंक के अधिकारी की ओर से की जानी चाहिए थी।
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हिन्दुस्थान समाचार / विकाश कुमार पांडे