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कोलकाता, 13 जून (हि. स.)। लंदन जा रहे एयर इंडिया के विमान के अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त होने और 240 से अधिक लोगों की मौत के एक दिन बाद तृणमूल कांग्रेस ने शुक्रवार को इस हादसे की निष्पक्ष, पारदर्शी और उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
तृणमूल के प्रवक्ता कुणाल घोष ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि अभी जांच शुरू भी नहीं हुई है और ‘बर्ड हिट’ जैसी थ्योरी गढ़ने की कोशिशें नहीं होनी चाहिए। उन्होंने लिखा, कल हुए भयावह प्लेन क्रैश के बाद पूरा देश शोक में डूबा है। इस त्रासदी के तुरंत बाद कई साजिशों की थ्योरी सामने लाई जा रही हैं। हम मांग करते हैं कि एक निष्पक्ष, पारदर्शी और गहन जांच के जरिए सच्चाई सामने लाई जाए। न कोई पर्दा डाले, न राजनीति हो —सिर्फ जवाबदेही तय की जाए। यात्रियों की सुरक्षा कोई समझौता करने वाला मुद्दा नहीं हो सकता।
एयर इंडिया ने पुष्टि की है कि गुरुवार को अहमदाबाद हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद दुर्घटनाग्रस्त हुए विमान में 241 लोग सवार थे, जिनमें से 240 लोगों की मौत हो चुकी है। यह विमान लंदन जा रहा था।
कुणाल घोष ने आरोप लगाया कि देशभर में हवाई और रेल यात्राओं की सुरक्षा मौजूदा केंद्र सरकार के कार्यकाल में निचले स्तर पर पहुंच चुकी है। उन्होंने सवाल उठाया कि यह विमान पेरिस से दिल्ली आया था, फिर अहमदाबाद गया और वहां से लंदन जाने वाला था। अचानक ऐसा क्या हुआ कि यह उड़ान नहीं भर सका? क्या विमान का रख-रखाव सही से हुआ था? सिस्टम फेल होने की इतनी शिकायतें क्यों सामने आ रही हैं?
तृणमूल नेता ने केंद्र सरकार को विमान की मरम्मत और रख-रखाव में हुई संभावित चूक के लिए ज़िम्मेदार ठहराया, भले ही एयर इंडिया अब निजी स्वामित्व वाली कंपनी हो। उन्होंने कहा टाटा समूह ने हाल ही में एयर इंडिया का अधिग्रहण किया है। लेकिन इससे पहले इसकी सभी सेवाएं —एयर सिस्टम से लेकर ग्राउंड ऑपरेशन तक —केंद्र सरकार द्वारा संचालित होते थे। ऐसे में सारी ज़िम्मेदारी सिर्फ नए मालिकों पर डाल देना उचित नहीं है।
घोष ने इस दुर्घटना की उच्चस्तरीय जांच की मांग करते हुए सवाल उठाया कि क्या विमान की उचित जांच की गई थी? कहीं कोई तकनीकी खामी तो नहीं थी? क्या कोई आधुनिक विमान, जिसे अनुभवी पायलट चला रहे हों, इतनी आसानी से गिर सकता है?
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर