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सिलिगुड़ी, 14 जून (हि.स.) ।
पिछले कुछ महीनों में उत्तर बंगाल के कई जिलों में हाथियों के हमले से लोगों की जान गई है और खेतों की फसलें बर्बाद हुई हैं। इन घटनाओं से नाराज स्थानीय लोगों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए राज्य वन विभाग ने जंगल से सटे 72 किलोमीटर क्षेत्र में बैटरिचालित फेंसिंग लगाने का फैसला किया है।
वन विभाग के अनुसार, सिलिगुड़ी महकमा, जलपाईगुड़ी और अलीपुरद्वार जैसे जिलों में बाघिनियों और हाथियों का आना-जाना पिछले दिनों काफी बढ़ गया है। इसकी वजह से कई लोग मारे गए हैं और सैकड़ों बीघा खेत, घर, दुकानें और स्कूलों को नुकसान हुआ है। इससे ग्रामीणों में दहशत और आक्रोश दोनों बढ़ा है।
उत्तर बंगाल के मुख्य वन संरक्षक एस. के. मोले ने शनिवार को जानकारी दी कि वन विभाग सिर्फ फेंसिंग ही नहीं, बल्कि जंगल के भीतर हाथियों के लिए खाद्य भंडार भी तैयार करवा रहा है ताकि वे इंसानी इलाकों की ओर रुख न करें। उन्होंने बताया कि जलपाईगुड़ी जिले में 72 किलोमीटर लंबे इलाके में बैटरिचालित फेंसिंग लगाई जाएगी। इसके लिए प्रत्येक किलोमीटर पर चार लाख खर्च होंगे। इस योजना का सर्वेक्षण पूरा हो चुका है और जल्द ही काम शुरू किया जाएगा।
वन विभाग के अनुसार, जहां पहले की फेंसिंग खराब हो चुकी है, वहां नई फेंसिंग लगाई जाएगी। जलपाईगुड़ी जिले की सात रेंजों में औसतन 10 किलोमीटर तक फेंसिंग की जाएगी ताकि प्रभावित इलाकों में हाथियों की घुसपैठ रोकी जा सके।
वन विभाग ने इसके साथ ही तिस्ता के किनारे और जंगलों के आस-पास के इलाकों में मकई की खेती पर भी रोक लगाने का फैसला लिया है। मकई की फसल हाथियों को आकर्षित करती है, जिससे वे गांवों की ओर चले आते हैं। लेकिन फसल हटाए जाने के बावजूद हमले कम नहीं हो रहे, खासकर जलपाईगुड़ी जिले में। स्थानीय लोग लगातार हमलों से परेशान हैं और सुरक्षा की मांग कर रहे हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / अनिता राय