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जयपुर, 10 जून (हि.स.)। पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-2 महानगर प्रथम ने नाबालिग नेशनल प्लेयर को अभद्र इशारे करने से जुडे मामले में जांच अधिकारी और ज्योति नगर थानाधिकारी को नसीहत दी है। वहीं अदालत ने कुछ बिंदुओं पर जांच नहीं करने पर अनुसंधान अधिकारी को चेतावनी दी है।
पीठासीन अधिकारी तिरुपति कुमार गुप्ता ने कहा कि अनुसंधान अधिकारी की ओर से जांच में लापरवाही का मामला पहली बार अदालत के समक्ष आया है। ऐसे में चेतावनी दी जाती है कि यदि भविष्य में उनकी कार्यशैली में सुधार नहीं आया तो यह माना जाएगा कि वे जानबूझकर पीड़ित पक्ष को नुकसान पहुंचाने के लिए ऐसा कर रहे हैं। अदालत ने कहा कि अनुसंधान अधिकारी को याद रखना चाहिए कि ऐसा करना भारतीय न्याय संहिता की धारा 198 व धारा 199 के तहत आता है। अदालत ने जांच अधिकारी को कहा कि वे दिए गए निर्देशों की पालना करेंगे, ताकि अदालत को यह मानना पडे कि मामले में की गई लापरवाही सद्भाविक चूक है न की जानबूझकर की गई चूक। वहीं अदालत ने प्रकरण के आरोपित बहादुर को 19 जून तक जेल भेज दिया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / पारीक