समय पर नहीं कराया ई-केवाईसी तो बंद होंगे गैस कनेक्शन
गैस गोदाम में रखे हुए सिलिंडर।


धमतरी, 10 जून (हि.स.)। शहरी व ग्रामीण घरेलू गैस उपभोक्ताओं को अब हर हाल में अपने एलपीजी गैस कनेक्शन का ई-केवाईसी कराना होगा। एलपीजी गैस कनेक्शन के लिए ई-केवाईसी नहीं कराने वालों को अंतिम चेतावनी दी जा रही है। कंपनियों की ओर से नोटिस जारी कर तय समय में ई-केवाईसी कराने कहा जा रहा है। समय-सीमा के बाद हितग्राहियों के बगैर ई-केवाईसी के गैस कनेक्शन बंद हो जाएंगे।

जानकारी के मुताबिक जिले में 14 गैस एजेंसी संचालित हैं माध्यम से 210216 गैस कनेक्शन हितग्राहियों को दिया गया है जिसमें उज्ज्वला के 128733 कनेक्शन हैं। सामान्य कनेक्शन 81483 हैं। लगभग 15 हजार लोगों ने ई-केवाईसी नहीं कराई है, जिसमें से 500 लोगों के पास कंपनी ने सीधे नोटिस भेजकर ई-केवाईसी कराने कहा है अन्यथा गैस कलेक्शन रद्द होने की जानकारी दी है। इण्डेन गैस के संचालक मोहन अग्रवाल ने बताया कि आयल कंपनियां हितग्राहियों को रजिस्टर्ड डाक के माध्यम से नोटिस भेज रही हैं। नोटिस मिलने पर हितग्राही गैस एजेंसी कार्यालय पहुंचकर शंका समाधान कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक जिले में 14 गैस एजेंसी संचालित है। मालूम हो कि घरेलू गैस सिलेंडर की बड़े पैमाने पर कालाबाजारी रोकने के उद्देश्य से ही ग्राहकों को ईकेवाईसी करने कहा जा रहा है। पूर्व के वर्षों में भी गैस कंपनियों द्वारा लगातार जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर जनता को जागरूक करने का प्रयास किया गया। इसके लिए बाकायदा संबंधित गैस एजेंसी में शिविर लगाया गया। इसके अलावा शहर के विभिन्न वार्डों व आसपास के गांव तक में जाकर गैस कंपनी द्वारा शिविर लगाए गए। यहां पर लोगों ने ईकेवाईसी कराया। इन शिविरों में भी कई लोग नहीं पहुंच पाए जिनका आज तक ईकेवाईसी नहीं हुआ है।

धमतरी शहर के अलावा आसपास के गांव में बड़े पैमाने पर घरेलू गैस सिलिंडर का उपयोग व्यावसायिक गैस सिलिंडर के रूप में होता है। शहर के विभिन्न होटलों में घरेलू गैस सिलिंडर का उपयोग जारी है। कुछेक होटल संचालक दिखावे के लिए व्यावसायिक गैस सिलिंडर रखते हैं। उसमें घरेलू गैस की रिफिलिंग करते हैं। इसके अलावा चौक-चौराहों में संचालित छुटपुट दुकानों में घरेलू गैस सिलिंडर का ही उपयोग होता है। इस पर रोक लगाने के लिए शहर में संचालित गैस एजेंसी गंभीर नहीं है। यही कारण है कि गैस घरेलू गैस सिलिंडर का उपयोग व्यावसायिक रूप से हो रहा है। गैस एजेसिंयाें व प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए।

हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा