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धमतरी, 11 जून (हि.स.)। माओवादी अतिसंवेदनशील क्षेत्र, नदी-नाले, घने जंगलों और पहाड़ों के बीच गांवों में संचालित होने वाले सरकारी स्कूलों में जाने से शिक्षकों का पहले कई बहाना होता था, लेकिन राज्य सरकार के युक्तियुक्तकरण का जब डंडा चला, तो किसी का बहाना काम नहीं आया। अब जंगल व पहाड़ों से घिरे स्कूलों, माओवादी क्षेत्रों वाले स्कूलों में जल्द ही शिक्षक पढ़ाते हुए नजर आएंगे। अब किसी तरह बहाना नहीं चलेगा।
जिले में शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण से स्कूलों में रौनक लौट आई है। जिन स्कूलों में कभी एक भी शिक्षक नहीं थे, युक्तियुक्तकरण से अब वहां भी शिक्षकों की नियुक्ति हो गई है। इससे ऐसे स्कूलों में दाखिला लेने वाले बच्चे भी अब अच्छी तरह पढ़ाई कर सकेंगे। युक्तियुक्तकरण से स्कूलों में शिक्षकों की कमी तो दूर हुई ही है, इसके साथ ही विद्यार्थियों को विज्ञान, गणित, भौतिकी, रसायन शास्त्र, जीव विज्ञान, एकाउंट्स जैसे विषयों के विशेषज्ञ शिक्षक भी मिल गए हैं। अब स्कूलों में चालू शिक्षण सत्र से बच्चे अच्छी तरह पढ़ाई कर सकेंगे।
धमतरी जिले के नगरी विकासखंड में घोटगांव के प्राथमिक शाला में एक भी शिक्षक नहीं था। इस विद्यालय में 48 बच्चों का दाखिला हुआ है। दर्ज संख्या के अनुसार यह बच्चों को पढ़ाने के लिए एक प्रधानपाठक एवं एक शिक्षक की नियुक्ति होनी थी। कई वर्षों से घोटगांव का यह स्कूल एकल शिक्षकीय था और प्रधानपाठक के भरोसे संचालित हो रहा था। मई माह में प्रधानपाठक के रिटायर हो जाने से यह शाला शिक्षकविहीन हो गई थी। इस स्कूल में दर्ज 48 बच्चो का भविष्य और उनकी पढ़ाई-लिखाई इससे खासी प्रभावित होने वाली थी।
राज्य शासन के युक्तियुक्तकरण के बाद प्राथमिक शाला घोटगांव में एक प्रधानपाठक और एक सहायक शिक्षक को पदस्थ किया गया है। बच्चों को अब इन दोनों शिक्षकों से अच्छी पढ़ाई-लिखाई की उम्मीद जगी है। नगरी विकासखंड के ही चचानवाही स्कूल में भी एक प्रधानपाठक सहित दो शिक्षकों की नियुक्ति युक्तियुक्तकरण के द्वारा ही संभव हो सकी है। चचानवाही का यह स्कूल पहले शिक्षकविहीन था।
इसी तरह नगरी विकासखंड के अंतिम छोर में बसे माओवाद अतिसंवेदनशील क्षेत्र ग्राम एकावारी के माध्यमिक शाला में केवल एक शिक्षक पदस्थ थे। यहां छठवीं से आठवीं तक की कक्षाओं में 19 बच्चे दर्ज हैं। दूरस्थ वनांचल होने के कारण यहां कोई भी शिक्षक जाना नहीं चाहते थे। इन बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही थी। बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूल में गणित ओर विज्ञान के टीचर नहीं थे। शासन के युक्तियुक्तकरण के बाद इस स्कूल में एक विज्ञान और एक गणित पढ़ाने वाले शिक्षक की पदस्थापना हो गई है। इससे स्कूल के सभी बच्चों सहित उनके पालक भी बेहद खुश हैं। अब बच्चों को उनके स्कूल में ही विज्ञान और गणित की पढ़ाई करने की सुविधा मिलेगी और उन्हें दूर किसी दूसरे स्कूल में नहीं जाना पड़ेगा।
हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा