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लखनऊ, 14 दिसंबर (हि.स.)। पूर्व मंत्री एवं भाजपा की वरिष्ठ नेत्री स्वाती सिंह ने कहा कि बच्चों में संस्कार डालना सबसे पहले अभिभावकों का दायित्व है। बच्चे मिट्टी के घड़े की तरह होते हैं, जिन्हें ढालने का काम परिवार करता है और विद्यालय में गुरु उन्हें संवारते हैं। यदि कोई यह कहता है कि उसका बच्चा संस्कारवान नहीं है, तो यह वास्तव में अभिभावक की कमी को दर्शाता है।वे आज एसआरएम कॉन्वेंट स्कूल के वार्षिक कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं।
उन्होंने कहा कि हर बच्चा संस्कारवान होता है, जरूरत इस बात की है कि अभिभावक और शिक्षक उसकी मानसिकता को समझें और उसी के अनुरूप आगे बढ़ने के लिए उसे प्रेरित करें। स्वाती सिंह ने विद्यालय प्रबंधन की सराहना करते हुए कहा कि यहां शिक्षा के साथ-साथ संस्कारों पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जो एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने विद्यालय के प्रबंधक एवं हाईकोर्ट अधिवक्ता राज कुमार राय तथा शिक्षकों के प्रयासों की प्रशंसा की।
कार्यक्रम में उपस्थित क्षेत्रीय विधायक अमरेश कुमार ने कहा कि समाज निर्माण में शिक्षकों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है। गुरु बच्चों को केवल शिक्षा ही नहीं देते, बल्कि उन्हें संस्कारवान बनाकर समाज को समर्पित करते हैं। उन्होंने कहा कि गुरु के बिना जीवन अधूरा है।
कार्यक्रम के दौरान बच्चों ने नृत्य और संगीत की मनमोहक प्रस्तुतियां दीं। विद्यालय की प्रधानाचार्या रेनू सिंह एवं समस्त स्टाफ ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में अभिभावक भी मौजूद रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / Harsh Gautam