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खूंटी, 14 दिसंबर (हि.स.)। तोरपा प्रखंड के जिबलोंग गांव में रविवार को सरना धर्म सोतो: समिति का प्रथम शाखा स्थापना दिवस सह सरना धर्म प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सरना स्थल में भगवान सिंगबोंगा की विधिवत पूजा-अर्चना कर क्षेत्र में सुख, शांति और खुशहाली की कामना की गई।
कार्यक्रम का नेतृत्व अंनतोनी मुंडा, जोहन तोपनो, ग्रेस तोपनो एवं अजय तोपनो ने किया। सभा को संबोधित करते हुए धर्मगुरु सोमा कंडीर ने कहा कि सिंगबोंगा की स्तुति से आत्मा में भक्ति और श्रद्धा का विकास होता है, साथ ही समाज में प्रेम और भाईचारे की भावना मजबूत होती है। इससे लोभ, लालच और अहंकार जैसी बुराइयां दूर होती हैं तथा जीवन में सुख-शांति आती है। उन्होंने कहा कि भगवान के सामने सभी समान हैं और सभी पर समान कृपा होती है, इसलिए हमें सदा धर्म के मार्ग पर चलकर आपसी सौहार्द बनाए रखना चाहिए। मनुष्य, जीव-जंतु और संपूर्ण सृष्टि का सम्मान करना ही सरना धर्म का मूल सिद्धांत है।
इस अवसर पर सरना धर्मगुरु बगरय मुंडा ने कहा कि हमारे महापुरुषों ने जिस संगठित और समृद्ध समाज की कल्पना की थी, वह आज भी अधूरी है। उन्होंने न केवल धर्म-संस्कृति की रक्षा की, बल्कि जल-जंगल-जमीन की सुरक्षा के लिए भी संघर्ष किया। आज उसी विरासत को बचाने के लिए सरना धर्म कोड की मांग की जा रही है। उन्होंने समाज से आह्वान किया कि महापुरुषों के संकल्प को अपनाकर सरना कोड के लिए संगठित संघर्ष किया जाए।
कार्यक्रम में जिला परिषद अध्यक्ष मसीह गुड़िया, डॉ. सीताराम मुंडा, मथुरा कंडीर, विश्राम टूटी, रमण टूटी, चोंगे मुंडा, लुथड़ू मुंडा, बिरसा तोपनो, बाजू मुंडा, लेचा बारला, जेवियर भुइयां सहित अन्य वक्ताओं ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर तोरपा, तपकारा, कमडारा, खूंटी, मुरहू, बंदगांव, गुमला और रांची सहित विभिन्न क्षेत्रों से बड़ी संख्या में सरना धर्मावलंबी उपस्थित थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / अनिल मिश्रा