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भुवनेश्वर, 14 दिसंबर (हि.स.)। ओडिशा में राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस 2025 का आयोजन भव्य राज्यस्तरीय कार्यक्रम के साथ लोक सेवा भवन, भुवनेश्वर में किया गया। इस अवसर पर “ऊर्जा की बचत ही ऊर्जा का उत्पादन है” का संदेश प्रमुख रूप से रेखांकित किया गया।
कार्यक्रम में कृषि एवं किसान सशक्तिकरण तथा ऊर्जा विभाग के दायित्व संभाल रहे उपमुख्यमंत्री कनक वर्धन सिंह देव मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इस अवसर पर ऊर्जा संरक्षण के महत्व को रेखांकित किया गया और विभिन्न क्षेत्रों में ऊर्जा दक्षता के लिए उल्लेखनीय योगदान देने वालों को सम्मानित किया गया।
समारोह की शुरुआत सुबह ऊर्जा संरक्षण जागरूकता रैली के साथ हुई, जिसे उपमुख्यमंत्री ने कलिंगा स्टेडियम के गेट नंबर-3 से लोक सेवा भवन तक हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रैली में छात्र-छात्राओं, शिक्षकों और ऊर्जा विभाग के अधिकारियों ने भाग लिया। इस अवसर पर ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव विशाल कुमार देव तथा ईआईसी (विद्युत)-सह-पीसीईआई, ओडिशा, मनोज कुमार त्रिपाठी भी उपस्थित थे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री कनक वर्धन सिंह देव ने कहा कि ऊर्जा संरक्षण को केवल एक आदत नहीं, बल्कि राष्ट्रीय कर्तव्य के रूप में अपनाने की आवश्यकता है। उन्होंने प्रत्येक घर में उचित अर्थिंग की व्यवस्था और स्मार्ट मीटरों के व्यापक क्रियान्वयन पर जोर दिया, जिससे ऊर्जा हानि को काफी हद तक कम किया जा सकता है। उन्होंने जलवायु सहनशीलता और सतत विकास से जुड़ी राष्ट्रीय पहलों के अनुरूप ऊर्जा दक्षता और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने की राज्य सरकार की प्रतिबद्धता भी दोहराई।
ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव विशाल कुमार देव ने अपने संबोधन में कहा कि ऊर्जा उत्पादन क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ ऊर्जा संरक्षण पर भी समान रूप से ध्यान दिया जाना चाहिए, क्योंकि यह सबसे सस्ता और स्वच्छ ऊर्जा स्रोत है। उन्होंने बताया कि राज्य में पंप स्टोरेज नीति पहले से लागू है और हाल ही में जारी फ्लोटिंग सोलर दिशानिर्देशों से सौर, पवन और जलविद्युत जैसे नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों में ओडिशा की क्षमता को गति मिलेगी।
वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के पर्यावरण अध्ययन केंद्र के निदेशक डॉ. के. मुरुगेसन ने शिक्षकों से छात्रों में ऊर्जा संरक्षण को लेकर नवाचार और रचनात्मक सोच को प्रोत्साहित करने का आह्वान किया। सीपीआरआई के पूर्व महानिदेशक ए. के. त्रिपाठी ने नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ ग्रिड स्थिरता सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री ने सीपीपी/आईपीपी, स्टील एवं पावर, एमएसएमई और शैक्षणिक संस्थानों सहित विभिन्न श्रेणियों में ओडिशा राज्य ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार प्रदान किए।
कार्यक्रम के अंतर्गत एक राज्यस्तरीय क्विज प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया, जिसमें राज्यभर में ब्लॉक और जिला स्तर पर 2.5 लाख से अधिक छात्रों ने भाग लिया। कक्षा आठवीं, नौवीं और दसवीं के छात्रों के लिए आयोजित इस प्रतियोगिता में शीर्ष तीन विजेताओं को क्रमशः 8,000 रुपये, 5,000 रुपये और 3,000 रुपये नकद पुरस्कार के साथ स्मृति चिन्ह और प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। लोक सेवा भवन में आयोजित राज्यस्तरीय समारोह में करीब 500 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिन्हें भी पुरस्कार और सम्मान प्रदान किए गए।
कार्यक्रम का समापन मुख्य अभियंता अशोक कुमार दास द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। इस अवसर पर सभी गणमान्य व्यक्तियों ने एक स्वर में यह संदेश दोहराया कि ऊर्जा की बचत ही ऊर्जा का उत्पादन है।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनीता महंतो