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जगदलपुर, 14 दिसंबर (हि.स.)। बस्तर इन दिनाें कड़ाके की ठंड की चपेट में है, पिछले कुछ दिनों से तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है, जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ है। सुबह और शाम के वक्त चलने वाली बर्फीली हवाओं ने लोगों को घरों में दुबकने पर मजबूर कर दिया है, लेकिन दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए जिन्हें बाहर निकलना पड़ रहा है। उनके लिए अलाव ही जीवन रेखा बन गया है। स्थानीय मौसम विभाग के अनुसार जगदलपुर में न्यूनतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है, जो सामान्य से काफी कम है। बस्तर संभााग के ग्रामीण इलाकाें में वनाें एवं सघन आबादी नही हाेने से अधिक ठंड महसूस की जा रही है।
इन दिनों बस्तर में खासतौर पर बुजुर्गों और बच्चों के लिए यह ठंड एक बड़ी चुनौती बनकर आई है। ठंड से बचने के लिए लोगों ने ऊनी कपड़ों, रजाइयों और हीटरों का सहारा लिया है। इस हाड़ कंपा देने वाली ठंड से निपटने के लिए लोग समूह में अलाव जलाकर उसका सहारा ले रहे हैं। लकड़ी और कंडे के ढेर को जलाकर लोग उसके चारों ओर बैठ जाते हैं। यह न केवल शारीरिक रूप से गर्मी प्रदान करता है, बल्कि सामुदायिक सद्भाव और आपसी बातचीत का भी केंद्र बन गया है। स्थानीय निवासी विवेक पांडे ने बताया, कि सुबह काम पर निकलने से पहले और शाम को घर लौटने के बाद अलाव के पास कुछ देर बैठना बहुत जरूरी हो जाता है।
मौसम विभाग के अनुसार जगदलपुर में न्यूनतम तापमान 9.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है । आगामी 24 घंटों में प्रदेश का मौसम शुष्क रहने की संभावना है। इसके साथ ही कुछ जिलों के एक-दो स्थानों पर शीतलहर चल सकता है। मौसम विभाग ने नागरिकों को सुबह और रात के समय ठंड से बचाव के लिए सावधानी बरतने की सलाह दी है।
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हिन्दुस्थान समाचार / राकेश पांडे