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सहरसा, 11 दिसंबर (हि.स.)। मेडिकल कंप्यूटर की प्रतिष्ठित रिसर्च जर्नल न्यूरोकम्प्यूटिंग में यूनाईटेड किंगडम लन्दन से प्रकाशित शोध पत्र में बिहार महिषी सहरसा की बेटी निशा की रिसर्च पेपर को प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया गया, जिसमें विश्व के दर्जनों उच्च स्थान रखने वाले शोधार्थियों का नव प्रयोग को दर्शाया गया है।निशा द्वारा तैयार किया शोध पत्र डाटा एफिशिएंट डीप लर्निंग फॉर लिवर एंड लिवर ट्यूमर सेगमेंटेशन: ए कॉम्प्रिहेंसिव सर्वे विषय पर केंद्रित है।
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से कंप्यूटर साइंस में पीएचडी कर रही निशा पटना साइंस कॉलेज और पटना विमेंस कॉलेज से क्रमशः एमसीए व बीसीए है। प्रारंभिक शिक्षा पटना से पूर्ण कर चुकी निशा मूल रूप से महिषी गांव से संबंध रखती हैं। हिन्दी भाषा व साहित्य के मूर्धन्य विद्वान और गांधीवादी स्वर्गीय यदुवीर चौधरी की कनिष्ठ सुपौत्री और सेवानिवृत बैंक अधिकारी प्रफुल्ल कुमार चौधरी उर्फ कुमारजी की सबसे छोटी आत्मजा है। स्वर्गीय यदुवीर चौधरी हिन्दी संकाय राजकीय संस्कृत महाविद्यालय, रांची से 1993 में सेवानिवृत होने के उपरांत अपने मूलग्राम महिषी में ही प्रवास करते थे।
स्वतंत्रता के पूर्व से ही शिक्षक पद पर आसीन पंडित लक्ष्मीकांत चौधरी के एकमात्र पुत्र यदुवीर चौधरी अपने विद्वत्ता, गांधीवादी सोच और सैद्धांतिक प्रवृत्ति के महापुरुष थे। अपने अध्ययन काल में देवघर में रहते हुए उन्होंने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ अनेकों बार आवाजें बुलंद की। गांधी के विचार से प्रेरित और विनोबा भावे का सान्निध्य में उन्होंने समाज में एक अलग विचार का संचार किया। गांधीवादी और विद्वान यदुवीर चौधरी की छाया उनके पीढ़ी पर स्पष्ट देखा जा सकता है। उनकी सुपौत्री निशा ने आज करके दिखा दिया है।
बीएचयू में मार्गदर्शक प्रो प्रमोद कुमार मिश्र के द्वारा कंप्यूटर साइंस में निशा ने एक अलग मुकाम हासिल कर लिया है। 54 पृष्ठों का इस अकादमिक और अंतरराष्ट्रीय शोध पत्र की गूंज सात समुद्र पार भी सुनाई दे रही है।
हिन्दुस्थान समाचार / अजय कुमार