उपराज्यपाल सिन्हा ने जम्मू में आतंक पीड़ितों के 41 परिवारों को नौकरी पत्र सौंपे
जम्मू, 11 दिसंबर (हि.स.)। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने गुरुवार को जम्मू में आतंकवाद पीड़ितों के 41 परिवार के सदस्यों को नौकरी के नियुक्ति पत्र सौंपे। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में हम पूरे आतंकी इकोसिस्टम को खत्म कर र
उपराज्यपाल सिन्हा ने जम्मू में आतंक पीड़ितों के 41 परिवारों को नौकरी पत्र सौंपे


जम्मू, 11 दिसंबर (हि.स.)। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने गुरुवार को जम्मू में आतंकवाद पीड़ितों के 41 परिवार के सदस्यों को नौकरी के नियुक्ति पत्र सौंपे। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में हम पूरे आतंकी इकोसिस्टम को खत्म कर रहे हैं। हमने शांति खरीदी नहीं, बल्कि शांति स्थापित की है।

एलजी ने नागरिक शहीदों को श्रद्धांजलि दी और आतंक पीड़ित परिवारों का दुख साझा किया। उपराज्यपाल ने यह नियुक्ति पत्र अनुकंपा नियुक्ति नियम एसआरओ-43 और पुनर्वास सहायता योजना (आरएएस) के तहत आयु में छूट के मामलों में 22 लाभार्थियों और जम्मू-कश्मीर पुलिस के शहीदों के 19 आश्रितों को सौंपे। उन्होंने कहा कि आतंकवाद पीड़ित परिवारों को दशकों तक चुपचाप संघर्ष करने के लिए छोड़ दिया गया। इन परिवारों को न्याय से वंचित कर दिया गया। गहरे घाव कभी ठीक नहीं हुए। ऐसे परिवारों को अब पहचाना, सम्मान और पुनर्वास किया जा रहा है।

उन्होंने दोहराया कि उन परिवारों की गरिमा और आर्थिक सुरक्षा बहाल करना उनकी प्रतिबद्धता है, जिन्होंने सबसे अधिक कीमत चुकाई है। हमारा मिशन उन परिवारों के जीवन में बदलाव लाना है, जिन्हें जानबूझकर न्याय से वंचित किया गया है, ताकि वे समाज की सर्वांगीण प्रगति और राष्ट्र निर्माण में योगदान दे सकें। उन्होंने कहा कि ख़त्म हो रहे आतंकी पारिस्थितिकी तंत्र के कुछ तत्व हैं, जो देश के खिलाफ गलत सूचना या नकारात्मक बातें फैलाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसे तत्वों के खिलाफ देश के स्थापित कानूनी ढांचे के अनुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

उपराज्यपाल ने 28 जून, 2005 की दिल दहला देने वाली घटना के बारे में बताया, जब राजौरी के कोटरंका के रहने वाले नसीब सिंह के पिता धर्म सिंह और चार अन्य लोगों की आतंकवादियों ने बेरहमी से हत्या कर दी थी। उन्होंने कहा कि दो दशकों तक नसीब सिंह और उनका परिवार दुख, निरंतर भय और असुरक्षा में जीने को मजबूर था। उनके जीवन के काले दिन समाप्त हो गए हैं। यह परिवार के लिए आशा और सपनों की एक नई सुबह है।

इसी तरह रियासी के रहने वाले अख्तर हुसैन की 13 जुलाई, 2005 को आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। उनकी पत्नी और बच्चों को दो दशकों तक भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। इससे परिवार पर गहरा असर पड़ा। 15 नवंबर, 2004 को किश्तवाड़ के बलान टुंडवा में दो आतंकवादियों ने एसपीओ संजीत कुमार की उनके दोस्त के साथ हत्या कर दी, जब वे एक पड़ोसी की शादी की तैयारी कर रहे थे। इन परिवारों ने अकथनीय दुःख का बोझ उठाया। अब यह एक नई शुरुआत है। उन्हें सम्मान के साथ अपने जीवन का पुनर्निर्माण करने की अनुमति देगा ।

इस मौके पर पुलिस महानिदेशक नलिन प्रभात, प्रमुख सचिव गृह चंद्राकर भारती, आयुक्त सचिव जीएडी एम राजू, मंडलायुक्त जम्मू रमेश कुमार, पुलिस महानिरीक्षक जम्मू भीम सेन टुटी, विभिन्न जिलों के उपायुक्त, वरिष्ठ अधिकारी और आतंकवाद पीड़ितों के परिवार के सदस्य उपस्थित थे। विधानसभा सदस्य एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों के सदस्य भी उपस्थित थेl

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हिन्दुस्थान समाचार / बलवान सिंह