Enter your Email Address to subscribe to our newsletters

पश्चिमी सिंहभूम, 11 दिसंबर (हि.स.)। पश्चिमी सिंहभूम जिला में टाटा स्टील नोआमुंडी ने अपने खनन संचालन के 100 वर्षों के ऐतिहासिक सफर को गुरुवार को भव्य शताब्दी वर्ष समारोह के साथ मनाया। इस अवसर पर टाटा स्टील के वरिष्ठ अधिकारी, वर्तमान और पूर्व कर्मचारी, तथा यूनियन सदस्य एकत्र हुए, ताकि एक शताब्दी लंबे खनन उत्कृष्टता, तकनीकी प्रगति और सामुदायिक विकास की उपलब्धियों को याद किया जा सके।
अतुल भटनागर, जनरल मैनेजर, ओरे माइन्स एंड क्वार्रीज ने स्वागत भाषण में नोआमुंडी के सफर और वहां अपनाई गई नवाचार, सुरक्षा, सतत विकास और मानव-केंद्रित मूल्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की पीढ़ियों ने इस खदान की समृद्ध विरासत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
पेज पेज फ्रॉम द पास्ट नामक अनुभूति सत्र में वर्तमान और पूर्व नेताओं ने यादें साझा कीं। डी बी सुंदर रामम, उपाध्यक्ष, कॉर्पोरेट सर्विसेज ने नोआमुंडी में अपने अनुभवों और उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। इसके बाद ए. एम. मिश्रा और ए. डी. बैजल ने भी खदान के ऐतिहासिक क्षणों और कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका को साझा किया।
समारोह का मुख्य आकर्षण स्मारक स्मृति-पुस्तक और कॉफी टेबल बुक का विमोचन था, जिसे टाटा स्टील के CEO एवं MD टीवी नारेंद्रन, वाइस प्रेसीडेंट सैंडिप कुमार और जीएम ओएमक्यू ने संयुक्त रूप से जारी किया। यह पुस्तक नोआमुंडी के 100 साल के सफर को चित्रों और कहानियों के माध्यम से दर्शाती है।
सीईओ एवं एमडी ने कहा कि नोआमुंडी टाटा स्टील की वृद्धि में अहम भूमिका निभाती रही है और यह सतत खनन, जिम्मेदार प्रबंधन और सामुदायिक सेवा के क्षेत्र में उदाहरण प्रस्तुत करती है। शताब्दी समारोह उन सभी पीढ़ियों को समर्पित है जिन्होंने 1925 से आज तक नोआमुंडी को भारत की सबसे आधुनिक और जिम्मेदार खदानों में से एक बनाने में योगदान दिया।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद पाठक