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खूंटी, 11 दिसंबर (हि.स.)। तोरपा थाना क्षेत्र के बिलसिंरिंग के पास जंगल में एक जून को बरामद शव, (जिसकी पहचान बाद में डूमरगड़ी निवासी अमरदीप गोप के रूप में हुई थी), उस हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। पुलिस ने मुख्य आरोपी अर्जुन मुंडा उर्फ अर्जुन उर्फ ‘बंबईया’ (उम्र 49 वर्ष) को बुधवार को डूमरगड़ी से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी के खिलाफ हत्या, रंगदारी और आर्म्स एक्ट सहित कई गंभीर मामले पहले से दर्ज हैं। तोरपा, बेड़ो, लापुंग और कर्रा थाने में उसके खिलाफ कुल आठ मामले लंबित हैं।
गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने आरोपी से हत्या में प्रयुक्त टीवीएस अपाचे बाइक (जेएच 01एफएक्स-5788), आरोपी का आधार कार्ड, पहचान पत्र, चार मोबाइल फोन, पांच सिम कार्ड तथा मृतक का एटीएम कार्ड बरामद किया है। गुरुवार को अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ) क्रिस्टोफर किड्डर ने अपने कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे मामले की जानकारी दी।
क्या है पूरा मामला
एसडीपीओ ने बताया कि अमरदीप की चचेरी बहन की शादी आरोपित अर्जुन उर्फ बंबईया से हुई थी। इसी दौरान अमरदीप की सगी बहन से भी बंबईया के अवैध संबंध हो गए और वह दूसरी पत्नी के रूप में उसके घर पर रहने भी लगी। बाद में अमरदीप की बहन ने बंबईया को छोड़कर अलग रहने का निर्णय लिया। बंबईया को शक था कि अमरदीप उसके और उसकी दूसरी पत्नी के बीच बाधा बन रहा है। इसी खुन्नस और संदेह में उसने अमरदीप को रास्ते से हटाने की योजना बनाई। 31 मई को बंबईया, अमरदीप को बहाने से बिलसिंग के पास जंगल में ले गया। दोनों ने वहां शराब पी। नशे में धुत होने पर बंबईया ने अमरदीप को चट्टान पर पटक दिया और पत्थर से सिर कुचल दिया। इसके बाद गला काटकर उसकी हत्या कर दी। पहचान मिटाने के लिए आरोपी ने शव के चेहरे को जलाने का भी प्रयास किया। घटना के बाद वह फरार होकर कभी कोलकाता, तो कभी मुंबई में छिपता रहा।
एसडीपीओ ने बताया कि आरोपित प्रतिबंधित नक्सली संगठन पीएलएफआई का सदस्य भी रह चुका है और नक्सली जेठा कच्छप के गिरोह में था।
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हिन्दुस्थान समाचार / अनिल मिश्रा