केंदुआडीह गैस रिसाव मामले में जांच तेज, सीएमपीडीआई टीम ने किया ड्रोन से मेजरमेंट
धनबाद, 11 दिसंबर (हि.स.)। धनबाद के केंदुआडीह थाना क्षेत्र में पिछले नाै दिनों से जारी गैस रिसाव मामले में जांच प्रक्रिया तेज कर दी गई है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट लिमिटेड (सीएमपीडीआई) रांची की एक व
ड्रोन के जरिए इलाके का मापी करने की तैयारी करते रांची से आए सीएमपीडीआई के अधिकारी


धनबाद, 11 दिसंबर (हि.स.)। धनबाद के केंदुआडीह थाना क्षेत्र में पिछले नाै दिनों से जारी गैस रिसाव मामले में जांच प्रक्रिया तेज कर दी गई है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट लिमिटेड (सीएमपीडीआई) रांची की एक विशेष टीम गुरुवार को केंदुआडीह पहुंची। टीम ने अत्याधुनिक ड्रोन कैमरे का उपयोग कर रिसाव क्षेत्र का विस्तृत मेजरमेंट (माप) शुरू किया है। सीएमपीडीआई की टीम का नेतृत्व जयॉलोजी मैनेजर भुवनेश कुमार गुप्ता कर रहे हैं।

इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मेजरमेंट के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो मुख्य रूप से दो महत्वपूर्ण डेटा एकत्र करेगा। पहला डेटा ​यह जानने के लिए कि क्या कहीं का तापमान सामान्य से अधिक है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में ठंड के मौसम में अधिकतम तापमान 22 से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच है। यदि किसी स्थान पर तापमान इससे अधिक पाया जाता है तो यह स्पष्ट संकेत होगा कि यह गैस रिसाव या भूगर्भिक गतिविधि के कारण हो सकता है।

दूसरा क्षेत्र की आबादी, घरों की संख्या और उनकी भौगोलिक स्थिति का डेटा भी एकत्र करेगा, जो संभावित खतरे वाले क्षेत्रों की पहचान करने में मदद करेगा।

​भुवनेश गुप्ता ने यह भी स्पष्ट किया कि आकलन की सटीकता सुनिश्चित करने के लिए यह मेजरमेंट दोहराया जाएगा। इस विस्तृत वैज्ञानिक जाँच की अंतिम रिपोर्ट आने में 15 से 20 दिनों का समय लगेगा।

वहीं ​गैस रिसाव का आज नौवां दिन है और विशेषज्ञों की टीम द्वारा हर दिन मेजरमेंट जारी है, लेकिन स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है। जहरीली गैस की बढ़ती मात्रा के मद्देनजर, बीसीसीएल के वरीय अधिकारियों ने जांच टीम को प्रतिदिन गैस की मात्रा जांचने का आदेश दिया है। जांच टीम गैस की मात्रा की जाँच कर रही है और उस डेटा को रिसाव स्थलों पर लगाए गए पोस्टरों पर अंकित किया जा रहा है।

​केंदुआडीह में वैज्ञानिक जांच प्रक्रियाएं तेज कर दी गई हैं, और गैस निकलने के कारणों का पता लगाने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। नाै दिनों के बाद भी गैस का स्तर सामान्य से काफी अधिक पाया जाना प्रशासन और निवासियों दोनों के लिए एक बड़ी चिंता का कारण बना हुआ है।

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हिन्दुस्थान समाचार / राहुल कुमार झा