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जयपुर, 11 दिसंबर (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट परिसर में बम विस्फोट को लेकर लगातार चौथे दिन भी धमकी भरा मेल मिला है। बीते करीब डेढ़ माह में यह छठा अवसर है, जब बम की धमकी के चलते मुकदमों की सुनवाई प्रभावित हुई है। वहीं अभी तक मेल भेजने वाले की जानकारी नहीं मिलने पर वकील जांच एजेंसियों पर बिफर गए हैं। वकीलों का कहना है कि हाईकोर्ट के न्यायाधीश सड़क दुर्घटना और अन्य मुद्दों पर स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान ले लेते हैं, लेकिन इन घटनाओं पर उनकी ओर से भी कोई गंभीरता नहीं दिखाई जा रही।
बार-बार की धमकियों पर वरिष्ठ अधिवक्ता हेमंत नाहटा का कटाक्ष करते हुए कहना है कि अब तो हाईकोर्ट प्रशासन को अपने स्तर पर ही प्रशिक्षित डॉग्स और बम निरोधक दस्ता रख लेना चाहिए और रोजाना अपने स्तर पर ही परिसर की जांच कर लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह बड़े शर्म की बात है कि बीते करीब 45 दिन में हाईकोर्ट को बम विस्फोट की धमकी दी जा रही है और अब तक कोई सुराग नहीं मिल सका है। वहीं वरिष्ठ अधिवक्ता हनुमान चौधरी का कहना है कि धमकियों का सबसे अधिक नुकसान उन पक्षकारों को हो रहा है, जिनकी जमानत याचिकाएं हाईकोर्ट में लगी हुई हैं। धमकी मिलने के बाद न्यायाधीश सुनवाई छोड़कर उठ जाते हैं और मामले की सुनवाई टल जाती है। उन्होंने जांच एजेंसी को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि यदि ऐसी ही धमकी सीएम हाउस के लिए आए तो क्या जांच एजेंसी का ऐसा ही लचर रुख रहता।
इस बारे में हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष प्रहलाद शर्मा का कहना है कि रोजाना की धमकी के बाद एक बात को साफ हो गई है कि या तो कोई व्यक्ति मजाक के मूड ऐसा कर रहा है या फिर आए दिन धमकी भरा मेल भेजकर हाईकोर्ट प्रशासन और जांच एजेंसियों को इसके प्रति उदासीन बनाकर बाद में बडी घटना को अंजाम देने की तैयारी कर रहा है, लेकिन चाहे जो भी हो यह जांच एजेंसी का सबसे बडा फेलियर है कि रोज कोई हाईकोर्ट में बम होने की धमकी दे देता है और अभी तक उसका पता तक नहीं चल पाया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / पारीक