महिला समूहाें की अनूठी पहल, गाेबर और जड़ी-बूटियाें से बनाए जा रहे दीये और धूप
महिला समूहाें की अनूठी पहल, गाेबर और जड़ी-बूटियाें से बनाए जा रहे दीये और धूप


-3000 से अधिक दीये धाैर धूप के पैकेट तैयार कर चुकी महिलाएं-ग्राम स्तर पर महिलाओं की आजीविका काे मिल रहा बलरुद्रप्रयाग, 17 अक्टूबर (हि.स.)। उत्तराखंड में पर्यावरण संरक्षण के संदेश के साथ महिलाएं दीपावली काे नया रूप दे रही हैं। ग्राम स्तर पर महिलाओं के द्वारा बद्री गाय के गाेबर और जड़ी-बूटियाें से दीये और धूप तैयार की जा रही है। दीपावली के लिए अभी तक 3000 से अधिक दीये तैयार कर बाजाराें में सप्लाई कर चुकी हैं। बाजाराें में भी इन दीये की मांग बढ़ रही है। साथ ही महिलाओं की आजीविका काे भी बल मिल रहा है।

जनपद रुद्रप्रयाग में रुद्रनाथ स्वायत सहकारिता समिति से जुड़ी हिमाद्री महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाएं बद्री गाय के गाेबर से आकर्षक दीये तैयार कर रही हैं। वहीं, फूल और अन्य जड़ी-बूटियाें से धूप बधाई जा रही है। समूह की अध्यक्ष गुड्डी देवी ने बताया कि 3000 दीये तैयार कर जनपद के अलग-अलग बाजाराें में सप्लाई किये जा चुके हैं। दुकानदाराें और खरीदाराें में दीयाें काे लेकर उत्साह दिख रहा है। बताया कि यह दीये पर्यावरण काे ध्यान में रखकर बनाए जा रहे हैं। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी के लाेकल फाॅर वाेकल काे बढ़ावा देकर स्वदेशी राेशनी से दीपावली मनाने का संदेश प्रचारित किया जा रहा है।

उन्हाेंने बताया कि ऋषिकेश सरस आजीविका मेला और मुनि की रेती में 500 से अधिक दीयाें की बिक्री हुई। बताया कि इस कार्य से ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता और आजीविका के नए द्वार भी खुल रहे हैं। इधर, रुद्रप्रधाग के सीडीओ राजेंद्र सिंह रावत ने बताया कि महिलाओं द्वारा निर्मित गोबर आधारित दीये न केवल पर्यावरण संरक्षण का उदाहरण हैं, बल्कि स्थानीय संसाधनों के उपयोग से आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक सशक्त कदम भी हैं।

इस प्रकार के नवाचार न केवल आर्थिक मजबूती प्रदान करते हैं बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन को भी प्रोत्साहित करते हैं। प्रशासन द्वारा ऐसे प्रयासों को आगे भी पूरा सहयोग दिया जाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार / दीप्ति