अपने चहेते नेता का अंतिम झलक पाने के लिए 45 किमी सड़काें पर खड़े रहे लाेग
लोगों की पुष्पांजलि लेते मुख्यमंत्री


शव वाहन पर पुष्प वर्षा करते लोग


रामगढ़, 5 अगस्त (हि.स.)। रामगढ़ जिले में दिशोम गुरु शिबू सोरेन की शव यात्रा में मंगलवार काे काफी भीड़ देखने काे मिली। लाेग अपने चहेते नेता का अंतिम झलक पाने के लिए 45 किलाेमीटर तक सड़काें पर घंटाें खड़े रहे। जिस रास्ते से भी शिबू सोरेन का शव वाहन गुजरा वहां लोग हाथ जोड़कर खड़े नजर आए। जैसे ही रामगढ़ जिले में शव वाहन प्रवेश किया, लोग उनके दर्शन के लिए पीछे-पीछे भागने लगे। मुख्यमंत्री का भावुक चेहरा देख हर किसी का कलेजा फट गया। जिस पिता के साए में हेमंत सोरेन ने ना सिर्फ राजनीती सीखी, बल्कि झारखंड को एक अलग पायदान पर लेकर गए। आज हेमंत सोरेन के सर से पिता का साया उठा, तो जिलावासी भी खुद को भावुक हाेने से राेक नहीं पाये।

पिछले छह दशकों से शिबू सोरेन का अलग-अलग रूप रामगढ़ जिला के वासियों ने देखा है। सबसे बड़ी बात सुदूरवर्ती गांव नेमरा से निकलकर झारखंड की राजनीति को अलग पहचान दिलाने वाले शिबू सोरेन सबके दिलों में बहुत जल्दी ही जगह बना चुके थे। गांव में रहने वाले आदिवासियों के लिए उन्होंने बहुत कुछ किया। सबसे पहले तो उन्होंने महाजनी व्यवस्था का पुरजोर विरोध किया था। जिसका फायदा सीधे-सीधे मासूम ग्रामीणाें को हुआ। इसके बाद उन्होंने झारखंड के लोगों की दिशा और दशा बदलने के लिए राज्य से लेकर केंद्र तक की व्यवस्था काे सुदृढ़ किया।

शिबू सोरेन के अंतिम संस्कार में पहुंचे नेताओं ने कहा कि झारखंड की फिज़ा में शिबू सोरेन हमेशा सूरज की तरह चमकते रहेंगे। अथक संघर्ष और तप से उन्होंने अपनी यह जगह बनाई थी।

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हिन्दुस्थान समाचार / अमितेश प्रकाश