धनंजय मुंडे ने खाली नहीं किया शासकीय बंगला, 42 लाख रुपये का लगा जुर्माना
फाईल फोटो: मंत्री छगन भुजबल- पूर्व मंत्री धनंजय मुंडे


मुंबई, 04 अगस्त (हि.स.)। महाराष्ट्र के मंत्री पद से इस्तीफा देने के पांच महीने के बाद भी पूर्व मंत्री धनंजय मुंडे ने शासकीय बंगला खाली नहीं किया है। इसको लेकर मुंडे पर 42 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इसकी वजह से खाद्यान्न मंत्री छगन भुजबल अभी तक शासकीय बंगले में नहीं जा सके हैं।

राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावन कुले ने सोमवार को मुंबई में पत्रकारों को बताया कि धनंजय मुंडे और छगन भुजबल दोनों राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अजीत पवार गुट के हैं। इसलिए इस संबंध में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ही निर्णय ले सकते हैं।

दरअसल, मुंडे को मंत्री बनने के बाद उन्हें शासकीय सतपुड़ा बंगला रहने के लिए दिया गया था। लेकिन बीड़ में सरपंच संतोष देशमुख हत्या मामले में उनका नाम आ जाने की वजह से मुंडे ने 4 मार्च को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसलिए, उनके अगले 15 दिनों में बंगला छोडऩे की उम्मीद थी। मुंडे के इस्तीफे के बाद छगन भुजबल को मंत्री पद मिल गया और 23 मई को भुजबल को सतपुड़ा बंगले के लिए सरकारी आदेश जारी किया गया। लेकिन सरकारी बंगला खाली न होने से अभी तक भुजबल को सरकारी आवास नहीं मिल सका है।

लोक निर्माण विभाग के सूत्रों ने सोमवार को बताया कि धनंजय मुंडे पर बंगला न छोडऩे के लिए जुर्माना लगाया गया है और इसकी राशि अब 42 लाख तक पहुँच गई है। लेकिन अभी तक धनंजय मुंडे ने न तो जुर्माना की राशि अदा किया है और न ही बंगला खाली किया है। इस संदर्भ में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस आगामी निर्णय लेंगे। इसका कारण जुर्माना राशि को माफ करने का विशेषाधिकार सिर्फ मुख्यमंत्री के पास है।

मंत्री छगन भुजबल ने सोमवार को कहा कि यह सही है कि उनके लिए शासकीय सतपुड़ा बंगला अलाट किया गया है। लेकिन इस बंगले को अभी तक खाली नहीं किया गया है। उनके ही सहयोगी इस बंगले में रह रहे हैं। भुजबल ने कहा कि जब बंगला खाली होगा तो वे उसमें रहने जाएंगे।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजबहादुर यादव