Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
गुवाहाटी, 01 अगस्त (हि.स.)। असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने शुक्रवार को कहा कि राज्य के वन क्षेत्रों से अतिक्रमण हटाने का अभियान एक दीर्घकालिक प्रक्रिया होगी, जो कम से कम दस वर्षों तक चलेगी। उन्होंने कहा कि यह कोई एकमुश्त अभियान नहीं बल्कि एक सतत प्रक्रिया होगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि हर जिले के उपायुक्त को उनके क्षेत्र के वनों में हुए अतिक्रमण की मात्रा का आकलन करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जहां भी अवैध कब्जा पाया जाएगा, वहां निष्कासन की कार्रवाई की जाएगी, बशर्ते वह वन अधिकार अधिनियम के तहत संरक्षित न हो।
सरमा ने कहा कि सरकार वनवासियों के कानूनी अधिकारों की रक्षा करेगी, लेकिन साथ ही वन भूमि की बहाली भी असम की पारिस्थितिक स्थिरता के लिए अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा, “हम बड़े पैमाने पर अतिक्रमण की समस्या से जूझ रहे हैं। इस नुकसान की भारपाई करने के लिए कम से कम दस वर्षों तक निरंतर प्रयास जरूरी होंगे।”
मुख्यमंत्री का यह बयान ऐसे समय आया है जब सरकार राज्यभर में पर्यावरण नियमों के पालन को सुनिश्चित करने, क्षतिग्रस्त वनों का पुनर्वास करने और जैवविविधता की रक्षा के लिए प्रयासरत है। कई जिलों में निष्कासन अभियान पहले ही चलाए जा चुके हैं, जिन्हें लेकर सराहना और विरोध दोनों देखने को मिले हैं।
सरकारी प्रयासों को अब राष्ट्रीय वन नीति और अंतरराष्ट्रीय जलवायु प्रतिबद्धताओं के अनुरूप व्यापक संरक्षण रणनीतियों से जोड़ा जाएगा।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश