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पूर्वी सिंहभूम, 26 जुलाई (हि.स.)। जिले के कदमा, सोनारी, बिष्टुपुर और मानगो जैसे इलाके इन दिनों भारी बारिश के बाद जलजमाव की गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं। शनिवार को इन क्षेत्रों का निरीक्षण करने पहुंचे जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय ने कहा कि पानी घुसने की यह स्थिति स्लुइस गेटों के काम नहीं करने की वजह से उत्पन्न हुई है और यह पूरी तरह प्रशासनिक विफलता है।
विधायक राय ने जलग्रस्त इलाकों का दौरा करने के बाद कहा कि शांतिनगर, दाईगुट्टू, गीतांजलि अपार्टमेंट और ग्रीन पार्क जैसे क्षेत्रों में लोगों की परेशानी इसलिए बढ़ी है क्योंकि खरकई और स्वर्णरेखा नदी के किनारे जो स्लुइस गेट लगाए गए थे, वे निष्क्रिय हैं। बरसात से पहले इनकी मरम्मत नहीं हुई, न ही उनकी कार्यक्षमता की जांच की गई। परिणामस्वरूप, नालों का पानी वापस मुड़कर घरों में प्रवेश कर गया।
उन्होंने कहा कि यह कोई नई समस्या नहीं है। हर साल बरसात से पहले स्लुइस गेटों की मरम्मत और पंपिंग व्यवस्था की मांग की जाती है, लेकिन न प्रशासन इस ओर ध्यान देता है, न टाटा स्टील जैसी कंपनी, जो शहर के एक बड़े हिस्से की ज़िम्मेदारी निभाती है। उन्होंने कहा कि मरीन ड्राइव को ऊंचा कर टाटा स्टील ने अपने वाहनों की सुविधा तो सुनिश्चित कर ली, लेकिन बस्तियों की सुरक्षा की ओर बिल्कुल ध्यान नहीं दिया गया।
सरयू राय ने कहा कि शहर की प्रमुख नदियां अब सिकुड़ रही हैं। टोल ब्रिज से मानगो तक नदी की चौड़ाई में लगातार कमी आई है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2008 से पहले जिस जलस्तर पर खतरा महसूस होता था, आज उससे चार से पांच गुना ऊंचे जलस्तर पर पानी घुस रहा है। यह दर्शाता है कि स्वर्णरेखा परियोजना, जल संसाधन विभाग और टाटा स्टील की ओर से किए गए तटबंधीकरण और अन्य निर्माण कार्यों ने नदी की प्रवाह क्षमता को प्रभावित किया है।
उन्होंने यह भी बताया कि इस विषय पर उनकी उपायुक्त से बातचीत हुई है। उपायुक्त ने आश्वासन दिया है कि जिन घरों में पानी घुसा है, उन परिवारों के लिए सामुदायिक भवनों में ठहरने की व्यवस्था की जा रही है और भोजन भी उपलब्ध कराया जाएगा। सरयू राय ने उम्मीद जताई कि इस बार की बारिश से जो सबक मिला है, वह भविष्य में दोहराया नहीं जाएगा और अगले वर्ष से पहले ऐसी व्यवस्था की जाएंगी कि बस्तियों में पानी घुसने की नौबत न आए।
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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद पाठक