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जयपुर, 26 जुलाई (हि.स.)। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर राज्य सरकार ने राजकीय स्कूलों, छात्रावासों, कॉलेजों, चिकित्सा भवनों, अन्य राजकीय भवनों, सड़कों व पुलियाओं की सुरक्षा समीक्षा के लिए विशेष स्थायी समितियां गठित की है। ये समितियां प्रत्येक वर्ष 15 जून से पहले असुरक्षित भवनों एवं पुलों का मरम्मत कार्य पूर्ण किया जाना सुनिश्चित करेगी। मुख्य सचिव सुधांश पंत ने इन समितियों के गठन के संबंध में आदेश जारी किए हैं।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री शर्मा ने शुक्रवार को पीपलोदी हादसे के तुरंत बाद एक उच्चस्तरीय बैठक ली थी। बैठक में मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों की अनुपालना में राजकीय भवनों की सुरक्षा आकलन एवं विशेष मरम्मत के लिए राज्य स्तर पर स्थायी समिति का गठन किया गया है। इस समिति के अध्यक्ष अतिरिक्त मुख्य सचिव सार्वजनिक निर्माण विभाग होंगे। इसके साथ ही अतिरिक्त मुख्य सचिव उच्च एवं तकनीकी शिक्षा अथवा प्रतिनिधि संयुक्त शासन सचिव स्तर, अतिरिक्त मुख्य सचिव ग्रामीण एवं पंचायती राज अथवा प्रतिनिधि संयुक्त शासन सचिव स्तर, प्रमुख शासन सचिव ऊर्जा विभाग, प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, शासन सचिव नगरीय विकास एवं आवासन, शासन सचिव शिक्षा विभाग, शासन सचिव स्वायत्त शासन विभाग, शासन सचिव कृषि विभाग एवं वित्त विभाग के प्रतिनिधि इस समिति के सदस्य होंगे।
सरकारी भवनों की सुरक्षा जांच, ऑडिट और मरम्मत करवायेगी समिति-
यह समिति राज्य के सभी स्कूल, कॉलेज, छात्रावास, कार्यालय, सडकों एवं पुलों का समयबद्ध सुरक्षा अंकेक्षण करवाने, जर्जर एवं असुरक्षित भवनों का चिन्हिकरण कर ध्वस्त कराने, असुरक्षित भवनों की विशेष मरम्मत हेतु तकमीना तैयार करवाने एवं वित्त उपलब्ध कराने से संबंधित समीक्षा कर दिशा-निर्देश देगी। साथ ही यह समिति विशेष मरम्मत के लिए प्रत्येक वर्ष वित्तीय एवं अन्य संसाधन उपलब्ध कराने तथा प्रतिवर्ष जून माह से पूर्व सभी राजकीय भवनों की मरम्मत कर सुरक्षा सुनिश्चित करने संबंधी समीक्षा करेगी। यह समिति राजकीय भवनों की सुरक्षा एवं जनहानि रोकने के लिए किये जा रहे प्रयासों एवं निर्देशों की प्रतिमाह समीक्षा भी करेगी।
जिला स्तर पर भी स्थायी समिति गठित-
इसी प्रकार जिला स्तर पर भी स्थायी समिति का गठन किया गया है, जिसमें जिला कलक्टर अध्यक्ष होंगे। समिति में सदस्य के रूप में मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद, अधीक्षण अभियंता सार्वजनिक निर्माण विभाग, अधीक्षण अभियंता विद्युत वितरण निगम, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी तथा जिला कलक्टर द्वारा नामित अन्य आमंत्रित अधिकारी शामिल होंगे।
यह समिति सभी विभागों से समन्वय करते हुये उपखण्ड स्तर पर आवश्यकतानुसार कमेटी बनाकर असुरक्षित भवनों, क्षतिग्रस्त सड़क एवं असुरक्षित पुलों की सुरक्षा अंकेक्षण रिपोर्ट तैयार करेगी। साथ ही, वर्षाकाल में बिजली करंट, बाढ मे डूबने, क्षतिग्रस्त भवनों, सडकों, रपट, पुलियाओं एवं जलभराव इत्यादि के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक निर्देश जारी कर अनुपालना करवाएगी एवं जर्जर भवनों एव संरचनाओं को असुरक्षित घोषित कर उन्हें ध्वस्त करवाना सुनिश्चित करेगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / पारीक