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रायपुर, 26 जुलाई (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी के रायपुर शहर उत्तर विधानसभा क्षेत्र से विधायक पुरंदर मिश्रा ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जाँच कार्रवाई और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे की गिरफ्तारी के मद्देनजर आहूत कांग्रेस के आर्थिक नाकाबंदी आंदोलन के बाद कांग्रेस के छत्तीसगढ़ प्रभारी सचिन पायलट के प्रदेश दौरे के मद्देनजर सवाल उठाये हैं। उन्होंने आज अपने बयान में कहा कि दिल्ली में 'पप्पू' और छत्तीसगढ़ में 'बिट्टू', क्या उनकी अब यही राजनीति बची है? श्री मिश्रा ने यह भी जानना चाहा है कि सचिन छत्तीसगढ़ आकर क्या यही बताना चाहते हैं कि कांग्रेस परिवारवाद में ही सिमटकर रह गई है? क्या यही भारत की सेवा करना है?
भाजपा विधायक श्री मिश्रा ने कहा कि देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस के वैचारिक दीवालिएपन का इससे बड़ा उदाहरण और क्या हो सकता है कि कांग्रेस का आर्थिक नाकाबंदी आंदोलन न देश, न प्रदेश और न ही जनता के हित से जुड़े मुद्दों को लेकर हुआ। बल्कि शराब घोटाले से अर्जित 16.70 करोड़ रुपये रियल स्टेट में निवेश करने और कुल 1,000 करोड़ रुपये की हेराफेरी करने के मामले में गिरफ्तार भूपेश बघेल के उस बेटे के बचाव में किया गया जो कांग्रेस का पदाधिकारी तक नहीं है! यह बड़ी विडम्बना ही है कि 140 साल पुरानी पार्टी का अब यह दायित्व हो गया है कि पार्टी को छोड़कर अब घर-परिवार की चिंता कर रहे हैं! श्री मिश्रा ने कांग्रेस नेताओं को नसीहत दी कि यह जो आर्थिक नाकाबंदी के नाम पर सियासी ड्रामा किया गया, अगर यदि कांग्रेस के नेता अपने घरों में आर्थिक नाकाबंदी कर लेते तो यह समस्या आती ही नहीं। इस नाकाबंदी से साबित हो गया कि पूरी कांग्रेस व्यक्ति के प्रति केंद्रित है जनता के प्रति नहीं। जनता के मुद्दों से कोई कांग्रेस का लेना-देना नहीं है।
श्री मिश्रा ने इस बात के लिए भी कांग्रेस पर करारा कटाक्ष किया कि कांग्रेस ने दैनिक मजदूरी पर मजदूरों को लाकर आर्थिक नाकाबंदी की, लेकिन कुछ मजदूरों को उस दिन का पेमेंट नहीं किया और वे लोग बाद में हल्ला मचा रहे थे। कांग्रेस प्रदेश प्रभारी कम-से-कम उन मजदूरों का तो पेमेंट करवा दें, जिनको उस दिन की मजदूरी का भुगतान नहीं हुआ है।
हिन्दुस्थान समाचार / केशव केदारनाथ शर्मा