महाराष्ट्र में औद्योगिक बिजली की दरें अन्य राज्यों की तुलना में सस्ती होंगी : सीएम फडणवीस
मुंबई, 16 जुलाई (हि.स.)। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को विधान परिषद में कहा कि महाराष्ट्र में औद्योगिक बिजली की दरें अन्य राज्यों की तुलना में सबसे कम होंगी। महाराष्ट्र में बिजली की दर वर्तमान में 8.32 रुपये है, जो अगले चरण में घटकर 7.38 रु
फाईल फोटो: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस


मुंबई, 16 जुलाई (हि.स.)। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को विधान परिषद में कहा कि महाराष्ट्र में औद्योगिक बिजली की दरें अन्य राज्यों की तुलना में सबसे कम होंगी। महाराष्ट्र में बिजली की दर वर्तमान में 8.32 रुपये है, जो अगले चरण में घटकर 7.38 रुपये हो जाएगी। इसकी तुलना में तमिलनाडु की दर 9.04 रुपये, गुजरात की 8.98 रुपये और कर्नाटक की 7.55 रुपये है।

विधान परिषद में आज सदस्य अभिजीत वंजारी ने राज्य में बिजली दरों में वृद्धि को कम करने के लिए किए जा रहे उपायों के बारे में पूछा था। इस दौरान सदस्य शशिकांत शिंदे, सतेज उर्फ बंटी पाटिल और विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने उप-प्रश्न पूछे थे। इसका जवाब देते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि अब बिजली की खरीद 'मेरिट ऑर्डर डिस्पैच' पद्धति से की जाएगी। इससे निजी कंपनियों से सस्ती दरों पर बिजली खरीदी जाती है। साथ ही सौर, पवन और बैटरी भंडारण के उपयोग से बिजली खरीदने की लागत में काफी कमी आई है। चूंकि ये दीर्घकालिक (25 वर्षीय) अनुबंध हैं, इसलिए बिजली की दरें स्थिर रहेंगी ।

मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि पिछली टैरिफ याचिका में आवासीय उपभोक्ताओं पर बोझ डालकर औद्योगिक और वाणिज्यिक दरों को कम किया गया था, लेकिन इस पर आपत्तियों के कारण अब सभी श्रेणियों में दरें कम कर दी गई हैं। 70 प्रतिशत उपभोक्ता 100 यूनिट से कम बिजली की खपत करते हैं और उन्हें 26 प्रतिशत टैरिफ में कमी मिलेगी। वहीं, 100 यूनिट से अधिक खपत पर टैरिफ में कमी होगी। किसानों के लिए सौर पंप योजनाओं में भी महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं और बूस्टर पंपों के लिए एक नई योजना शुरू की गई है। सिंगल पोल योजना की लागत केवल 15,000 रुपये है। किसानों को उनकी आवश्यकता के अनुसार 10 एचपी हॉर्सपावर के सौर पंप उपलब्ध कराने की तैयारी है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में यदि कोई शिकायत है, तो उसका समाधान सोलर यूनिफाइड पोर्टल पर किया जा रहा है।

स्मार्ट मीटर और बिजली की खपत को नियंत्रित करने के लिए कृषि क्षेत्र में स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। इससे यह समझना संभव होगा कि कृषि के लिए कितनी बिजली का उपयोग किया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि इससे कृषि क्षेत्र में बिजली की सटीक खपत को मापने में मदद मिलेगी और भविष्य की नीतियां बनाने में मदद मिलेगी। लिफ्ट सिंचाई के लिए एक अलग सौरीकरण प्रस्ताव तैयार किया गया है। साथ ही डार्क जोन में पारंपरिक तरीकों से बिजली उपलब्ध कराने पर भी विचार किया जाएगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजबहादुर यादव