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बरपेटा (असम), 13 जुलाई (हि.स.)। असम की अनमोल सत्रीया संस्कृति की धरोहर ‘थीय-नाम’ को लेकर एक विशेष आयोजन की तैयारी जोरों पर है। बिहु और झुमुर को लेकर बनाए गए विश्व रिकॉर्ड के बाद अब निचले असम के नामतिया कलाकार एक अनोखे संकल्प के साथ आगे आए हैं।
महापुरुष माधवदेव द्वारा रचित और सत्रीया परंपरा का अभिन्न हिस्सा 'थीय-नाम' के प्रचार-प्रसार हेतु आगामी 10 अगस्त को पांच हजार से अधिक नामतिया कलाकार एक साथ थीय-नाम गाकर एक नया कीर्तिमान स्थापित करने जा रहे हैं।
‘असम बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ में नाम दर्ज कराने के उद्देश्य से इस आयोजन के लिए जिले-जिले में कलाकारों का आखाड़ा (प्रशिक्षण सभा) इसी बीच शुरू हो चुकी है। बरपेटा रोड शाखा सत्र में भी थीय-नाम का नियमित अभ्यास चल रहा है, जहां पिछले कई दिनों से नामतिया कलाकार बड़ी संख्या में हिस्सा ले रहे हैं।
आयोजकों के अनुसार, 10 अगस्त को बरपेटा के हाउली रास मंदिर परिसर में निचले असम के पांच हजार से अधिक नामतिया कलाकार एक साथ थीय-नाम में भाग लेंगे। इस ऐतिहासिक प्रस्तुति के माध्यम से असम की सत्रीया संस्कृति की इस धरोहर 'थीय-नाम' को ‘असम बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ में दर्ज कराकर एक नया मुकाम देने का प्रयास किया जाएगा।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश