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गुवाहाटी, 11 जुलाई (हि.स.)। असम भाजपा ने सरकार द्वारा अवैध कब्जाधारियों से लगभग 3.95 लाख बीघा सरकारी भूमि को मुक्त कराने के लिए चलाए जा रहे सख्त और निरंतर अभियान का स्वागत किया है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता किशोर उपाध्याय ने एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी।
प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा के नेतृत्व में राज्य सरकार ने अब तक कई संवेदनशील क्षेत्रों से अवैध कब्जाधारियों को हटाने में सफलता पाई है। इनमें काजीरंगा, मानस, ओरांग और लामडिंग जैसे वनक्षेत्रों के साथ-साथ गोरुखुटी, लखीमपुर, कचुतली की सरकारी भूमि, जनजातीय क्षेत्र, बोरदुवा, बरपेटा और बरेलेंघी स्थित महापुरुषीय सत्रों की भूमि तथा चापर और कृष्णाई जैसे इलाकों में आरक्षित वन, चारागाह और आर्द्रभूमि शामिल हैं।
प्रवक्ता के अनुसार, मुख्यमंत्री के निर्णायक कदमों की बदौलत अब तक लगभग 60 हजार बीघा अतिक्रमित भूमि को सरकार ने मुक्त कराया है, जो मौजूदा सरकार की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है।
असम सरकार द्वारा गठित सत्र आयोग की रिपोर्ट के अनुसार अब भी लगभग 15,500 बीघा सत्रों की भूमि पर संदिग्ध नागरिकों का अवैध कब्जा बना हुआ है। सरकार इसे जल्द से जल्द मुक्त कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री का पूरे असम में बेदखली अभियान चलाने का निर्णय जनहित में एक ऐतिहासिक कदम के रूप में देखा जाएगा।
हालांकि, इस अभियान का कांग्रेस और आम्सू व एबीएमएसयू जैसे अल्पसंख्यक-आधारित संगठनों द्वारा बार-बार विरोध किया गया है, जो तुष्टिकरण की राजनीति करते हैं। इसके बावजूद, मुख्यमंत्री ने बिना किसी दबाव के साहसपूर्वक अभियान को आगे बढ़ाया है।
भाजपा प्रवक्ता ने इसे असम के स्वदेशी लोगों के सुरक्षित भविष्य के लिए एक ऐतिहासिक और मील का पत्थर साबित होने वाला कदम बताया।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश