सावन के पहले दिन शिवालयों में गूंजा हर -हर महोदव
जयपुर, 11 जुलाई (हि.स.)। आदिदेव महादेव की आराधना का सावन माह शुक्रवार हर-हर महादेव के साथ शुरू हुआ। भक्तों ने शिवालयों में भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक किया। सुबह इंद्र देव ने भी बूंदों से शिवजी का अभिषेक किया। बड़े शिवालयों में रुद्राभिषेक और सहस्त्रघ
श्रावण के पहले सोमवार पर शिवालयों में गूंजा हर -हर महोदव


जयपुर, 11 जुलाई (हि.स.)। आदिदेव महादेव की आराधना का सावन माह शुक्रवार हर-हर महादेव के साथ शुरू हुआ।

भक्तों ने शिवालयों में भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक किया। सुबह इंद्र देव ने भी बूंदों से शिवजी का अभिषेक किया। बड़े शिवालयों में रुद्राभिषेक और सहस्त्रघट सहित अन्य अनुष्ठान हुए।

झाडख़ंड महादेव मंदिर के बब्बू सेठ मेमोरियल ट्रस्ट के अध्यक्ष जयप्रकाश सोमानी ने बताया कि मंदिर में भक्तों ने दो लाइनों के जरिए प्रवेश करते हुए अभिषेक किया। भक्तों के लिए रामझारों की व्यवस्था की गई। है। दर्शनों की शुरुआत सुबह 4.45 बजे से हो गई। गलताजी से कावड़ लेकर आने वाले कावडियों को दूध और फल वितरण किया गया।

चौड़ा रास्ता स्थित ताडक़ेश्वर महादेव मंदिर में सुबह 3:30 बजे भोलेनाथ के पट खुल गए। आरती के बाद चार बजे से अभिषेक का सिलसिला शुरू हो गया। गोविंद देवजी मंदिर ठिकाने के आमेर रोड स्थित काला महादेव मंदिर में महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में भगवान भोलेनाथ का पंचामृत से अभिषेक किया गया। बड़ी संख्या में भक्तों ने भी जलाभिषेक किया। बनीपार्क स्थित जंगलेश्वर, आमेर के भूतेश्वर, रामगंज के ओंढा महादेव, झोटवाड़ा रोड स्थित चमत्कारेश्वर, चांदनी चौक स्थित प्रतापेश्वर, छोटी चौपड़ स्थित रोजगारेश्वर, कूकस स्थित सदाशिव ज्योर्तिलिंगेश्वर सहित अन्य शिवालयों में भी सुबह ब्रह्म मुहूर्त से दोपहर तक भक्तों ने जल से शिवाभिषेक किया। चौड़ा रास्ता स्थित ताडक़ेश्वर महादेव, वैशालीनगर के झाडख़ंड महादेव, बनीपार्क स्थित जंगलेश्वर सहित अन्य प्रमुख शिव मंदिरों में तो सुबह-सुबह श्रद्धालुओं को कतार में लगकर जलाभिषेक का इंतजार करना पड़ा।

बोल बम ताडक़ बम से गूंजी गलताजी

सावन के पहले दिन से ही गलता तीर्थ से कांवड़ यात्राओं की शुरुआत हुई। यहां से पवित्र जल कावड़ में भरकर श्रद्धालु हर हर महादेव का उद्घोष करते हुए शहर के विभिन्न शिवालयों की ओर बढ़े। करेें। दोपहर को कॉलोनियों के शिव मंदिरों में कावड़ जल से भोलेनाथ का अभिषेक किया गया।

शाम को सजे भूतभावन-भजनों से रिझाया

शाम को भगवान भोलेनाथ का फूलों से आकर्षक श्रृंगार किया गया। कई शिवालयों में कोलकाता, बेंगलूरु सहित अन्य शहरों तथा विदेशों से मंगाए फूलों से भोलेनाथ का मनभावन श्रृंगार किया गया।

रात्रि को भजन संध्याओं का आयोजन किया गया। कलाकारों ने भजनों से भगवान भोलेनाथ का गुणगान किया।

पहले सोमवार को दुर्लभ योग: 14 जुलाई को सावन का पहला सोमवार है। इस दिन सभी शिवालयों में शिव भक्तों की भारी भीड़ रहेगी।

ज्योतिषाचार्य डॉ. महेन्द्र ने बताया कि 14 जुलाई को सावन का पहला सोमवार है। धनिष्ठा नक्षत्र और आयुष्मान योग के साथ ही गणेश चतुर्थी का भी दुर्लभ संयोग बन रहा है। ऐसे योग में शिवाभिषेक करने से भगवान भोलेनाथ के साथ प्रथम पूज्य गणपति का भी आशीर्वाद मिलेगा।

दूसरे सोमवार (21 जुलाई) को रोहिणी नक्षत्र में चंद्रमा वृषभ राशि में रहेंगे और कामिका एकादशी व सर्वार्थ सिद्धि योग का अद्वितीय संयोग बनेगा। इस दिन व्रत से भोलेनाथ के साथ भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होगी। तीसरे सोमवार (28 जुलाई) को चंद्रमा पूर्वाफाल्गुनी और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में रहेगा। चंद्रमा के सिंह राशि में होने से धनलाभ योग बनेगा। अंतिम सोमवार (चार अगस्त) को सर्वार्थ सिद्धि, ब्रह्म और इंद्र योग बनेगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश