हिंदुओं का आरक्षण मुसलमान को देकर वोट बैंक साध रही हैं ममता बनर्जी - शुभेंदु अधिकारी
हिंदुओं का आरक्षण मुसलमान को देकर वोट बैंक साध रही हैं ममता बनर्जी - शुभेंदु अधिकारी


कोलकाता, 18 जून (हि.स.) ।

पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने बुधवार को आरोप लगाया कि ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस सरकार आरक्षण नीति का इस्तेमाल महज वोट बैंक की राजनीति के लिए कर रही है। उन्होंने कहा कि हिंदूओं को जिस ओबीसी का लाभ मिलना चाहिए था, वह पूरी तरह से बंद करके मुस्लिम समुदाय को ममता बनर्जी की सरकार ने दे दिया। इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब हाई कोर्ट ने किसी एक सरकार की ओर से पूरे शासन काल के दौरान जारी किए गए सर्टिफिकेट को रद्द किया है।

कोलकाता के साल्टलेक इलाके में एक अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) संगठन की सभा को संबोधित करते हुए अधिकारी ने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर सवर्ण तबके (ईडब्ल्यूएस) के लिए केंद्र सरकार द्वारा दी गई आरक्षण नीति को तृणमूल कांग्रेस मुसलमानों को खुश करने के उद्देश्य से अपने तरीके से लागू कर रही है।

उन्होंने दावा किया, राज्य में वोट बैंक की राजनीति की शुरुआत वाम मोर्चा ने नंदीग्राम भूमि आंदोलन के बाद मुसलमानों का समर्थन हासिल करने के लिए की थी, जिसे अब तृणमूल कांग्रेस आगे बढ़ा रही है।

शुभेंदु अधिकारी ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने धर्म के आधार पर नहीं, बल्कि आर्थिक रूप से कमजोर तबकों के लिए आरक्षण की व्यवस्था की है। उन्होंने साफ कहा, ईडब्ल्यूएस आरक्षण को वोट बैंक की राजनीति के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।

गौरतलब है कि मई 2024 में कलकत्ता हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में वर्ष 2010 से अब तक कई वर्गों को दिए गए ओबीसी दर्जे को रद्द कर दिया था। अदालत ने पाया था कि राज्य की सरकारी नौकरियों में इन वर्गों को दिया गया आरक्षण अवैध है। कोर्ट ने अप्रैल से सितंबर 2010 के बीच दिए गए 77 वर्गों के आरक्षण और 2012 के राज्य आरक्षण अधिनियम के तहत शामिल 37 अन्य वर्गों को भी रद्द कर दिया था।

इससे पहले राज्य में मई 2011 तक वाम मोर्चा की सरकार थी, जिसके बाद तृणमूल कांग्रेस सत्ता में आई।

शुभेंदु अधिकारी ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य में तृणमूल कांग्रेस और इससे पहले की सरकारों द्वारा की जा रही वोट बैंक राजनीति के कारण लोकतंत्र कमजोर होता जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार भारत-बांग्लादेश सीमा पर करीब 500 किलोमीटर क्षेत्र में बाड़बंदी के लिए केंद्र को ज़मीन उपलब्ध कराने में सहयोग नहीं कर रही है।

इस बीच, मंगलवार को कलकत्ता हाई कोर्ट ने ओबीसी-ए और ओबीसी-बी श्रेणियों के तहत 140 उपवर्गों को लेकर राज्य सरकार द्वारा जारी अधिसूचनाओं पर 31 जुलाई तक अंतरिम रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा है कि आठ मई से 13 जून के बीच जारी अधिसूचनाएं लागू नहीं होंगी और तब तक उनसे संबंधित कोई भी कार्यवाही भी प्रभावी नहीं मानी जाएगी।

राज्य सरकार ने ओबीसी-ए श्रेणी के तहत 49 और ओबीसी-बी श्रेणी के तहत 91 उपवर्गों को शामिल किया है, जिन पर अब अदालत की रोक लगी हुई है।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर