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जयपुर, 18 जून (हि.स.)। राजस्थान में इस वर्ष मानसून ने सामान्य तिथि से सात दिन पहले दस्तक दे दी है। मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर के अनुसार दक्षिण-पश्चिम मानसून की उत्तरी सीमा फिलहाल बाड़मेर, जोधपुर और जयपुर से होकर गुजर रही है। अगले 2-3 दिनों में मानसून के राज्य के और हिस्सों में फैलने की संभावना है।
राज्य में वर्तमान में दो प्रमुख कम दबाव के क्षेत्र सक्रिय हैं। एक कम दबाव क्षेत्र गुजरात के ऊपर बना था, जो अब राजस्थान के मध्य व उत्तरी भागों पर केंद्रित है। वहीं दूसरा क्षेत्र बांग्लादेश पर बना था, जो तीव्र होकर सुस्पष्ट कम दबाव क्षेत्र (Well Marked Low Pressure Area) बन चुका है और अब गंगीय पश्चिम बंगाल के ऊपर स्थित है। यह सिस्टम भी अगले कुछ दिनों में उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर बढ़ने की संभावना रखता है। इन दबाव प्रणालियों के प्रभाव से राज्य के विभिन्न हिस्सों में मेघगर्जन, आकाशीय बिजली और तेज बारिश की गतिविधियां देखने को मिल रही हैं।
भारी से अति भारी बारिश की चेतावनी
मौसम विभाग ने 18 से 20 जून के बीच उदयपुर और कोटा संभाग में कहीं-कहीं भारी से अति भारी बारिश होने की संभावना है। वहीं जयपुर, अजमेर और भरतपुर संभाग के कुछ भागों में भी भारी बारिश के आसार हैं। इसके अलावा, 21 से 23 जून के बीच पूर्वी राजस्थान में बारिश की तीव्रता और बढ़ सकती है, खासकर कोटा व भरतपुर संभाग में फिर से भारी बारिश की चेतावनी दी गई है।
मौसम केंद्र निदेशक राधेश्याम शर्मा के अनुसार, मानसून की सामान्यत: राजस्थान में 25 जून के आसपास एंट्री होती है, लेकिन इस बार यह 18 जून को ही पहुंच गया है। 1 से 17 जून तक राज्य में औसतन 34.6 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो सामान्य से 63 प्रतिशत अधिक है।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में मानसून सीजन (जून से सितंबर) के दौरान औसतन 435 मिमी बारिश होती है। पिछले दस वर्षों में केवल वर्ष 2018 ऐसा रहा जब औसत से कम वर्षा दर्ज की गई थी। वर्ष 2024 में प्रदेश में औसतन 56 प्रतिशत अधिक बारिश हुई थी। इस बार भी मौसम विभाग ने सामान्य से अधिक वर्षा का पूर्वानुमान व्यक्त किया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / ईश्वर