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जालोर, 18 जून (हि.स.)। सांचौर को पुनः जिला बनाने की मांग को लेकर बुधवार को जिला बचाओ संघर्ष समिति ने जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान आवेश में आकर तीन बुजुर्ग नर्मदा नहर की मुख्य कैनाल में कूद गए। गनीमत रही कि मौके पर तैनात राज्य की एसडीआरएफ की टीम ने तुरंत बचाव अभियान चलाते हुए उन्हें सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
पूर्व मंत्री सुखराम विश्नोई के नेतृत्व में संघर्ष समिति का धरना लंबे समय से जारी है। बुधवार को सांचौर के सीलू गांव में मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के दौरान समिति के पदाधिकारी शांतिपूर्वक ज्ञापन देने जा रहे थे। इसी दौरान नहर मार्ग पर तैनात स्पेशल टास्क फोर्स के जवानों ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया। इस पर सुरजनराम विश्नोई, भूप सिंह राठौड़ और छगनलाल मेघवाल टांपी नामक तीन बुजुर्गों ने विरोध स्वरूप नहर में छलांग लगा दी। हालांकि एसडीआरएफ की टीम तत्काल हरकत में आई और करीब 10 मिनट के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद तीनों को बाहर निकाल लिया। बताया गया कि तीनों बुजुर्ग पहले तो बाहर आने को तैयार नहीं हुए और जवानों को धक्का देकर नहर में ही रहने की जिद करते रहे। काफी समझाइश के बाद उन्हें बाहर निकाला गया।
मामले की गंभीरता को देखते हुए जालोर एसपी ज्ञानचंद यादव और सांचौर एडीएम दौलतराम चौधरी मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों से वार्ता की। प्रशासन ने सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के माध्यम से ज्ञापन देने का सुझाव दिया, लेकिन प्रदर्शनकारी इस प्रस्ताव से असहमति जताते रहे।
एसपी ज्ञानचंद यादव ने बताया कि संभावित विरोध को देखते हुए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे। घटना में किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई है। सभी बुजुर्गों को सुरक्षित बचा लिया गया।
सुरजनराम विश्नोई ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने सांचौर को जिला घोषित किया था, लेकिन भाजपा सरकार ने जिले को निरस्त कर जनता के साथ अन्याय किया है। उन्होंने कहा कि जब शांतिपूर्वक ज्ञापन देने जा रहे थे, तो प्रशासन ने रोक दिया, जिससे क्षुब्ध होकर उन्होंने यह कदम उठाया। वहीं भूप सिंह राठौड़ रणोदर और छगनलाल मेघवाल टांपी ने भी इसे जनता के हक का उल्लंघन बताया और कहा कि सांचौर को जिला बनाना क्षेत्र के विकास के लिए जरूरी है। इसलिए संघर्ष जारी रहेगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / ईश्वर