ठाणे सिविल अस्पताल में एक दिन में 50 बच्चों की पेंचीदा सफल सर्जरी
Compliance surgery of children in Thane civil hospital


मुंबई, 15जून ( हि.स .) । निजी अस्पतालों में होने वाली बड़ी और जटिल और पेंचीदा सर्जरी अब ठाणे सिविल अस्पताल में की जा रही है आज रविवार को अस्पताल में बच्चों की सरल और जोखिम भरी दोनों तरह की सर्जरी हमेशा की तरह मुफ्त में की गई। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य (आरबीएसके 2.0) कार्यक्रम के तहत सर्जरी सप्ताह के अवसर पर 0 से 18 वर्ष की आयु के लड़के और लड़कियों की 50 से अधिक सर्जरी एक ही दिन में की गई, हर्निया, रक्त का थक्का, अटकी हुई उंगली, फिमोसिस, गर्दन, पेट के ट्यूमर आदि शामिल हैं।

ठाणे सिविल अस्पताल में हर दिन करीब 600 से 700 मरीज इलाज के लिए आते हैं। कभी-कभी इन मरीजों की छोटी और बड़ी सर्जरी की जाती है। हालांकि, रविवार को बच्चों की विभिन्न सर्जरी का एक अनूठा कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिला शल्य चिकित्सक डॉ. कैलास पवार ने बताया कि ठाणे पालघर जिले से आए बच्चों की शारीरिक जांच के बाद सरल और जटिल दोनों प्रकार की सफल 50 सर्जरी की गई है ।

अभिभावक बच्चों को सर्जरी के लिए एक-दो दिन पहले ही सिविल अस्पताल ले गए थे। इसलिए अस्पताल ने उनके खाने-पीने की सारी व्यवस्था डॉ पवार की देख रेख में की गई थी। इस अभियान में केईएम अस्पताल के पूर्व डीन डॉ. संजय ओक के मार्गदर्शन में लड़के-लड़कियों पर हर्निया, हाइड्रोसील, चर्बी की गांठ, फिमोसिस, अटकी हुई उंगली, अटकी हुई जीभ, खून का थक्का, बवासीर की विभिन्न सर्जरी की गई हैं। साथ ही इसमें सायन अस्पताल और कौशल्या अस्पताल ने भरपूर सहयोग किया है।

आज रविवार को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य (आरबीएसके 2.0) कार्यक्रम के तहत सर्जरी सप्ताह के अवसर पर केईएम अस्पताल के पूर्व डीन डॉ. संजय ओक और उनके साथी डॉक्टरों ने अस्पताल में छोटे लड़के-लड़कियों की सर्जरी की। ठाणे जिला शल्य चिकित्सक डॉ पवार ने बताया कि इस बार कुछ जोखिम भरी सर्जरी भी सफलतापूर्वक की गई है। सिविल अस्पताल के सर्जरी कक्ष में आधुनिक उपकरण हैं और चिकित्सा विशेषज्ञ बड़ी कुशलता से मरीजों की सर्जरी करते हैं।

मरीज की रिश्तेदार कल्याण की विजया सोनावणे ने बताया कि मैंने सिर्फ़ सुना था कि ठाणे सिविल अस्पताल में अच्छी सर्जरी होती है। लेकिन आज मैंने खुद इसका अनुभव किया। यह पहली बार है जब हमने एक ही दिन में इतने सारे बच्चों की सर्जरी होते देखी है। अगर सरकारी अस्पतालों में ऐसी सर्जरी हो रही है तो सभी को इलाज के लिए सिविल अस्पताल आना चाहिए।

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हिन्दुस्थान समाचार / रवीन्द्र शर्मा