Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
मंडी, 13 जून (हि.स.)। मंडी नगर निगम के परिसीमन प्रारूप के तहत शुक्रवार को उपायुक्त मंडी अर्पूव देवगन ने करीब आठ आपत्तियां सुनीं और संबंधित लोगों से सवाल जवाब भी किए। इस मौके पर डीसी की अदालत में लोगों ने भी संबंधित मुद्दों को लेकर बढ़चढ़ कर भाग लिया और अपने अपने तर्क प्रस्तुत किए। ये आपत्तियां परिसीमन प्रारूप को लेकर मांगी गई थी।
इस मौके पर उपायुक्त मंडी ने काफी खुशनुमा माहौल में सभी पक्षों से बातचीत की और आपत्तियों को निपटाने का प्रयास किया गया। सबसे जटिल मुद्दा बैहना और दोंहदी वार्ड का रहा। जिसमें ग्रामीणों के साथ पूर्व मंत्री प्रकाश चौधरी ने भी शिरकत की। बैहना और दोंहदी के मुद्दे को डीसी के सामने उठाया। इस मौके पर प्रकाश चौधरी ने तर्क दिया कि ग्रामीण क्षेत्रों का शहरीकरण उचित नहीं है। इन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में ही रहने दिया जाए। डीसी ने उनकी हर बात को सुना। साथ आए ग्रामीणों ने अपना पक्ष डीसी के सामने जमकर रखा।
उन्होंने स्पष्ट किया कि निगम की शर्त को पूरा करने के लिए उन्हें शामिल किया गया था। मगर अब जबकि शहर की आबादी बढ़ गई है तो ऐसी शर्त की कोई जरूरत नहीं है। उन्हें बैहना व दोंहदी वार्ड को निगम से बाहर किया जाए। फिलहाल तो डीसी ने सभी की बातों को सुना फैसला अभी नहीं लिया गया है। उधर अन्य छह आपत्तियों की सुनवाई भी की गई। इस मौके पर अधिवक्ता आकाश शर्मा, अल्कनंदा, विशाल ठाकुर आदि आपत्तिकर्ताओं ने अपने अपने मुद्दों के तर्क सामने रखे।
इस मौकेे पर पूर्व मंत्री प्रकाश चौधरी ने मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि बैहना, दोंहदी, चक्कर-चलाह आदि क्षेत्रों को नगर निगम मंडी से बाहर किया जाए। इस मौके पर पूर्व मंत्री ने कहा कि ये सभी लोग ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़े हुए हैं और पंचायतों में ही रहना चाहते हैं। प्रशासन इन्हें जबरदस्ती नगर निगम और नगर परिषद में क्यों बनाए रखें। उन्हें इनसे बाहर किया जाए। उन्होंने कहा कि डीसी मंडी अवश्य ही इस पर कड़ा संज्ञान लेंगे। ग्रामीण क्षेत्रों का शहरीकरण उचित नहीं है। इस गलती को ठीक किया जाए।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / मुरारी शर्मा