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भरतपुर, 9 मई (हि.स.)। राजस्थान के भरतपुर में एक बड़े साइबर ठगी रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है। पुलिस ने फर्जी गेमिंग और निवेश कंपनियों के ज़रिए करीब 400 करोड़ रुपये की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। प्रारंभिक जांच में यह ठगी 1,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने की आशंका जताई जा रही है।
भरतपुर रेंज के आईजी राहुल प्रकाश के अनुसार, इस गिरोह में शामिल एमबीए पास रविंद्र सिंह, इंजीनियर दिनेश सिंह और उसकी पत्नी कुमकुम को गिरफ्तार किया गया है। तीनों आरोपी उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के निवासी हैं और फिलहाल दिल्ली में रह रहे थे।
गिरोह सोशल मीडिया के ज़रिए फर्जी गेमिंग ऐप और शेयर बाजार में निवेश के झूठे लिंक भेजकर लोगों को झांसे में लेता था। शुरुआत में मामूली मुनाफा देकर लोगों का विश्वास जीता जाता, फिर बड़ी रकम निवेश कराने के बाद राशि गायब कर दी जाती थी। इस पूरे मामले की शुरुआत 6 मार्च को धौलपुर निवासी हरिसिंह की शिकायत से हुई थी, जिसमें बताया गया कि उसके फिनो पेमेंट बैंक खाते से 35 लाख रुपये की ठगी हुई है। जांच में सामने आया कि फिनो बैंक से जुड़ी ऐसी 4,000 से अधिक शिकायतें पहले से दर्ज हैं।
गिरोह ने हरियाणा, तमिलनाडु और महाराष्ट्र में दर्ज 100 से अधिक फर्जी कंपनियों के माध्यम से यह ठगी की। पुलिस ने चार कंपनियों के बैंक खाते फ्रीज कर दिए हैं, जिनमें फिलहाल चार करोड़ रुपये जमा हैं।
आईजी ने बताया कि गिरोह का मास्टरमाइंड रविंद्र सिंह आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के नाम पर कंपनियां रजिस्टर कराता और खुद ही उनके बैंक खाते संचालित करता था। बदले में उन्हें हर महीने वेतन दिया जाता था। एक कंपनी एक साल से अधिक नहीं चलाई जाती थी, और शिकायत मिलते ही नई कंपनी बना दी जाती थी।
पुलिस ने आरोपियों के पास से फर्जी दस्तावेज, सिम कार्ड और कंपनियों से जुड़े कई रिकॉर्ड बरामद किए हैं। जांच में केंद्रीय एजेंसी ‘आई4सी’ (Indian Cyber Crime Coordination Centre) ने तकनीकी सहायता प्रदान की है। मामले की जांच जारी है और और गिरफ्तारियों की संभावना है।
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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित