विश्व थैलेसीमिया दिवस : सूरत का सिविल अस्पताल बना थैलेसीमिया मरीजों के लिए आशा की किरण
सूरत, 7 मई (हि.स.)। 8 मई को मनाया जाने वाला विश्व थैलेसीमिया दिवस केवल आयोजन नहीं, बल्कि यह एक जागरूकता अभियान है। सूरत का नया सिविल अस्पताल आज थैलेसीमिया जैसी जानलेवा बीमारी से मज़बूती से लड़ रहा है। फिलहाल इस अस्पताल में 800 थैलेसीमिया मरीज पंजीकृ
नए सिविल अस्पताल


सूरत, 7 मई (हि.स.)। 8 मई को मनाया जाने वाला विश्व थैलेसीमिया दिवस केवल आयोजन नहीं, बल्कि यह एक जागरूकता अभियान है। सूरत का नया सिविल अस्पताल आज थैलेसीमिया जैसी जानलेवा बीमारी से मज़बूती से लड़ रहा है। फिलहाल इस अस्पताल में 800 थैलेसीमिया मरीज पंजीकृत हैं, जिनमें से हर महीने औसतन 200 से अधिक मरीज नियमित रक्त संक्रमण के लिए आते हैं।

नए सिविल अस्पताल के बाल रोग विभाग की प्रमुख डॉ. जिगीषा पोटोडिया ने बताया, “हीमोग्लोबिन की चार प्रमुख श्रृंखलाएँ होती हैं - अल्फा, बीटा, डेल्टा और गामा। इनमें से किसी एक श्रृंखला के ठीक से काम न करने पर थैलेसीमिया नामक बीमारी उत्पन्न होती है। भारत में विशेष रूप से बीटा थैलेसीमिया का प्रकोप अधिक है।” डॉ. पोटोडिया ने आगे बताया, “हर वर्ष भारत में लगभग 10 से 15 हजार थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों का जन्म होता है। गुजरात, राजस्थान और पंजाब जैसे राज्यों में इस बीमारी का प्रकोप अधिक है। थैलेसीमिया के प्रति जागरूकता फैलाने का यह दिन अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस वर्ष की थीम है: ‘थैलेसीमिया के लिए एकजुटता – समुदाय को एकजुट करें, मरीजों को प्राथमिकता दें।’

नए सिविल अस्पताल के बाल विभाग की सह-प्राध्यापिका डॉ. कीर्ति मेहता ने बताया, “वर्तमान में अस्पताल में 800 से अधिक थैलेसीमिया पीड़ितों का इलाज चल रहा है। इनमें से 229 बच्चों को नियमित रक्त संक्रमण, दवाएं और आवश्यक परीक्षण निःशुल्क उपलब्ध कराए जाते हैं। पिछले तीन वर्षों में 50 से अधिक थैलेसीमिया पीड़ितों की स्प्लीन हटाने की सर्जरी (स्प्लेनेक्टॉमी) भी निःशुल्क की गई है।”

थैलेसीमिया एक आनुवंशिक रक्त विकार है, जिसमें शरीर पर्याप्त मात्रा में हीमोग्लोबिन (रक्त का लाल रंजक) नहीं बना पाता। इसके परिणामस्वरूप मरीज को बार-बार रक्त चढ़ाने की आवश्यकता होती है। जब दोनों माता-पिता से “थैलेसीमिया जीन” संतान को प्राप्त होता है, तो बच्चा “थैलेसीमिया मेजर” के साथ जन्म लेता है, जो कि एक गंभीर अवस्था है।

हिन्दुस्थान समाचार / बिनोद पाण्डेय