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पुंछ 12 मई (हि.स.)। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हाल ही में सीमा पार से हुई गोलाबारी के बाद जमीनी स्थिति का आकलन करने के लिए पुंछ जिले का व्यापक दौरा किया। सीमा पार से हुई गोलाबारी में पुंछ सबसे अधिक प्रभावित जिलों में से एक था जिसके परिणामस्वरूप 13 लोगों की जान चली गई और कई अन्य घायल हो गए।
अपने आगमन पर मुख्यमंत्री ने जिला अस्पताल पुंछ का दौरा किया जहां उन्होंने घायलों की स्थिति और उपचार के बारे में जानकारी ली। उन्होंने उनके साहस और दृढ़ता की प्रशंसा की और उन्हें सर्वोत्तम संभव चिकित्सा देखभाल और प्रशासन से पूर्ण सहायता का आश्वासन दिया।
बाद में मुख्यमंत्री ने उन शोक संतप्त परिवारों से मुलाकात की जिन्होंने गोलाबारी में अपने प्रियजनों को खो दिया है। उन्होंने कहा कि ऐसे दुख के सामने शब्द कम पड़ जाते हैं। मैंने अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त की और उन्हें आश्वासन दिया कि वह अकेले नहीं हैं पूरा प्रशासन और मैं उनके साथ खड़ा हूं। मुख्यमंत्री ने जिया-उल-उलूम और अनवर-उल-उलूम धार्मिक संस्थानों का भी दौरा किया जहां गोलाबारी की घटना में एक धार्मिक शिक्षक की मौत हो गई और कई छात्र घायल हो गए।
अपने दौरे के बाद मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की जिसमें विधानसभा सदस्य एजाज अहमद जान (पुंछ-हवेली), चौधरी मोहम्मद अकरम (सूरनकोट) और मंत्री जावेद अहमद राणा (मेंढर) शामिल थे। बैठक में हिंदू, मुस्लिम, सिख और अन्य समुदायों के प्रमुख नागरिक, पूर्व विधायक और सामुदायिक नेता भी शामिल हुए।
सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गोलाबारी से हुई पीड़ा और दुख को स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि आज हम बहुत मुश्किल और दर्द के समय में एकत्र हुए हैं। मैं पुंछ के लोगों द्वारा प्रदर्शित एकता और सांप्रदायिक सद्भाव की भावना के लिए अपना हार्दिक आभार और प्रशंसा व्यक्त करना चाहता हूं। इस संकट के दौरान हिंदुओं, मुसलमानों, सिखों और अन्य लोगों के बीच भाईचारा वास्तव में सराहनीय है। सर्वशक्तिमान इस एकता को आशीर्वाद देते रहें। उन्होंने डिप्टी कमिश्नर, एसएसपी और उनकी टीमों सहित नागरिक प्रशासन के प्रयासों की सराहना की।
उन्होंने कहा कि वह अपनी जमीन पर डटे रहे और लोगों का समर्थन करने और इस दुखद स्थिति से होने वाली पीड़ा को कम करने के लिए अथक प्रयास किया। 13 मासूम लोगों की मौत पर दुख जताते हुए उन्होंने कहा कि हालांकि कोई भी मुआवजा खोए हुए जीवन की भरपाई नहीं कर सकता, लेकिन तत्काल सहायता प्रदान करना हमारी जिम्मेदारी है और मैंने प्रत्येक मृतक के परिवार को 10 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है जो जीवन के मूल्य का माप नहीं है बल्कि इस कठिन समय में उनकी मदद करने के लिए एक कदम है।
मुख्यमंत्री ने इस संकट के दौरान स्थानीय विधायकों की भूमिका की सराहना की। सीमा पार से गोलाबारी के बढ़ते खतरे पर टिप्पणी करते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा कि पहली बार जम्मू के पुराने इलाके भी प्रभावित हुए हैं। अब हम शहर में बंकर बनाने के बारे में सोचने को मजबूर हैं जो पहले अकल्पनीय था।
उन्होंने तैयारियों में तत्काल सुधार की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि हमें इस अनुभव से सीखना चाहिए और अपनी कमियों को सुधारना चाहिए। अस्पताल के बुनियादी ढांचे को मजबूत करना आवश्यक है।
नागरिकों ने सुझाव दिया है कि आपात स्थिति के दौरान सेवानिवृत्त डॉक्टरों को काम पर रखा जाना चाहिए। मैं स्वास्थ्य मंत्री के समक्ष इस मुद्दे को उठाऊंगा और सेवानिवृत्त चिकित्सा पेशेवरों के लिए पुनर्नियुक्ति या वजीफा आधारित योजना पर विचार करूंगा। भविष्य की तैयारियों का खाका पेश करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें फिर कभी ऐसी स्थिति का सामना नहीं करना पड़े लेकिन अगर ऐसा होता है तो हमें बेहतर तरीके से तैयार रहना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हम स्थायी और मोबाइल बंकरों सहित महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को स्थापित करने, एम्बुलेंस सेवाओं को सुदृढ़ करने और मॉक ड्रिल और व्यावहारिक आकलन के माध्यम से सीमावर्ती क्षेत्रों में निकासी तंत्र में सुधार करने की योजना बना रहे हैं।
अंत में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा “उनका दर्द हमारा दर्द है। मैं इस संकट के दौरान पुंछ के लोगों की दृढ़ता, एकता और सह-अस्तित्व की भावना को सलाम करता हूं।
हिन्दुस्थान समाचार / बलवान सिंह