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श्योपुर, 28 अप्रैल (हि.स.)। श्योपुर जिले में सोमवार को दबंगों ने दलित युवक के शव का अंतिम संस्कार करने से रोक दिया। इसके बाद आक्रओशित परिजनाें और समाज के लाेगाें ने शव को सड़क पर रखकर चक्काजाम कर दिया और पत्थरबाजी की। सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन दल बल के साथ माैके पर पहुंचा। विजयपुर एसडीएम अभिषेक मिश्रा भी पहुंचे हैं।
जानकारी के अनुसार मामला लीलदा गांव का है। गांव का जगदीश जाटव बेंगलुरु में प्राइवेट नौकरी करता था। पांच दिन पहले सड़क हादसे में उसकी मौत हो गई थी। सोमवार सुबह करीब 10 बजे शव गांव लाया गया। इसके बाद दोपहर करीब एक बजे शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाने लगे। इस दाैरान रावत समाज के लोगों ने आपत्ति जताई। गांव की रावत समाज के लाेगाें का कहना है कि हम अपने खेत में शव नहीं जलाने देंगे। यहां हम फसल उगाते हैं। जाटव समाज के लोग जबरन शव जलाना चाहते हैं। कहीं दूसरी जगह शव जलाएं, तो हमें कोई आपत्ति नहीं है।
वहीं विराेध के बाद मृतक युवक के परिजनाें और ग्रामीणाें ने सड़क पर शव रखकर विवाद शुरू कर दिया। कलेक्टर अर्पित वर्मा का कहना है कि अभी हालात सामान्य नहीं हुए हैं। वहां शांति व्यवस्था बनाने की कोशिश की जा रही है। दलित समाज की महिलाओं का कहना है कि हमारे पास श्मशान की जगह नहीं है। जाटव समाज के श्मशान घाट की जमीन रेलवे में चली गई है। इस कारण उनके पास अंतिम संस्कार के लिए जगह नहीं है। ग्रामीण सुरेश जाटव ने कहा कि पटवारी की ओर से अंतिम संस्कार के लिए जगह दी गई, लेकिन रावत समाज के लोग रोक रहे हैं। जबकि ये सरकारी जमीन है। रावत समाज का कोई भी पट्टा नहीं है। हमें अंतिम संस्कार नहीं करने दिया जा रहा। जब तक जगह नहीं मिलेगी, तब तक चक्काजाम से नहीं हटेंगे। पटवारी और तहसीलदार से भी शिकायत की है। प्रशासन ने आश्वासन दिया कि हमने जगह दे दी है, वहीं पर अंतिम संस्कार करें।
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हिन्दुस्थान समाचार / नेहा पांडे