पश्चिम बंगाल विधानसभा की कार्यवाही का लाइव प्रसारण क्यों नहीं किया जाता : शुभेंदु अधिकारी
कोलकाता, 18 मार्च (हि. स.)। पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने मंगलवार को सवाल उठाया कि राज्य में विधानसभा सत्रों का लाइव स्ट्रीमिंग क्यों नहीं किया जाता। उन्होंने कहा कि मणिपुर, गोवा और अरुणाचल प्रदेश जैसे छोटे राज्यों में भ
भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी


कोलकाता, 18 मार्च (हि. स.)। पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने मंगलवार को सवाल उठाया कि राज्य में विधानसभा सत्रों का लाइव स्ट्रीमिंग क्यों नहीं किया जाता। उन्होंने कहा कि मणिपुर, गोवा और अरुणाचल प्रदेश जैसे छोटे राज्यों में भी विधानसभा कार्यवाही का सीधा प्रसारण किया जाता है, लेकिन पश्चिम बंगाल में ऐसा नहीं हो रहा है।

वह विधानसभा गेट पर मीडिया से बातचीत कर रहे थे, जब भाजपा विधायकों ने सदन में उनके स्थगन प्रस्ताव को खारिज किए जाने के बाद वॉकआउट किया। उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य के नागरिकों का यह अधिकार है कि वे जान सकें कि उनके द्वारा चुने गए विधायक सदन में उनकी समस्याओं को उठा रहे हैं या नहीं।

शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि पश्चिम बंगाल के लोगों को इस सुविधा से वंचित क्यों रखा जा रहा है? राज्य सरकार को लाइव स्ट्रीमिंग से डर क्यों है?

उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार विधानसभा के प्रति अपनी प्रतिबद्धताओं को लेकर ईमानदार नहीं है, इसलिए वह सत्रों का लाइव प्रसारण नहीं कर रही। उन्होंने कहा कि हमारे विधायकों को सदन में बोलने नहीं दिया जाता। स्थगन प्रस्ताव बार-बार खारिज किए जा रहे हैं। मीडिया के कैमरों को सदन के अंदर जाने की अनुमति नहीं दी जाती। इसलिए हमें हर बार सदन के बाहर अपनी बात कहनी पड़ती है और विरोध करना पड़ता है।

शुभेंदु अधिकारी ने यह भी कहा कि भाजपा विधायकों द्वारा लाए गए स्थगन प्रस्तावों को जानबूझकर स्वीकार नहीं किया जाता, क्योंकि सरकार को पता होता है कि उसके पास विपक्ष के सवालों के जवाब नहीं होंगे।

इसके अलावा, उन्होंने आरोप लगाया कि जब से तृणमूल कांग्रेस की सरकार सत्ता में आई है, तब से राज्य के गृह (पुलिस) विभाग के बजट आवंटन को बिना किसी चर्चा के ही पारित किया जा रहा है। उन्होंने इसे अभूतपूर्व करार दिया।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी स्वयं राज्य के गृह (पुलिस) विभाग की प्रभारी हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर