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जम्मू, 15 मार्च (हि.स.)। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और सुचेतगढ़ के डीडीसी तरनजीत सिंह टोनी ने विधानसभा में 29 दुकानदारों के पुनर्वास पर घड़ियाली आंसू बहाने के लिए भाजपा नेताओं की आलोचना की है। उन्होंने भगवा पार्टी पर इस मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाया, जबकि सत्ता में रहते हुए इस मुद्दे को सुलझाने के लिए पर्याप्त अवसर थे।
सुचेतगढ़ के गांव साई में युवाओं की एक सभा को संबोधित करते हुए टोनी ने कहा कि भाजपा ने चुनाव से पहले उन्हीं दुकानदारों से बड़े-बड़े वादे किए थे, जिसमें उन्हें पुनर्वास का आश्वासन दिया गया था। हालांकि, मजबूत जनादेश हासिल करने के बाद पार्टी ने उन्हें आसानी से छोड़ दिया और अब इसका दोष मौजूदा सरकार पर मढ़ रही है।
उन्होंने कहा, जब भाजपा के पास पूर्ण सत्ता थी, तो वे इस मुद्दे को आसानी से हल कर सकते थे। लेकिन उन्होंने इसे नजरअंदाज करना चुना। अब, चूंकि जम्मू-कश्मीर में सत्ता दो खंभों के बीच बंटी हुई है, इसलिए कोई ठोस निर्णय नहीं लिया जा रहा है। भाजपा केवल हंगामा खड़ा करने और लोगों को गुमराह करने के लिए इस मुद्दे को उजागर कर रही है, बजाय इसके कि वास्तव में समाधान की दिशा में काम किया जाए। टोनी ने आगे इसकी तुलना अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों जैसे कि दिहाड़ी मजदूरों की दुर्दशा से की, जहां वित्तीय बाधाओं को बहाना बनाया जा रहा है, जिससे वर्तमान सरकार के लिए बड़े वित्तीय निर्णय लेना मुश्किल हो रहा है।
टोनी ने भाजपा के टूटे वादों के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए दावा किया चुनावों से पहले, भाजपा ने लोगों को झूठे आश्वासनों जैसे कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करना, दिल्ली में हर महिला को 2500 रुपये प्रति माह प्रदान करना, राजस्थान में 400 रुपये में एलपीजी सिलेंडर उपलब्ध कराना और कई अन्य झांसे देकर लुभाया। अब, लोग गुस्से में हैं, और भाजपा को उनके क्रोध का सामना करना चाहिए। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करने के मामले में भाजपा की आपराधिक चुप्पी पर भी कटाक्ष किया और आरोप लगाया कि भाजपा ने राज्य का दर्जा खत्म करने में मिलीभगत की है। उन्होंने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से प्रभावित दुकानदारों की आजीविका की रक्षा के लिए स्पष्ट पुनर्वास नीति बनाने की अपील की
हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा