डीपीसीसी के दिशा-निर्देशों के सख्त पालन पर सरकार का जोर, उल्लंघन करने पर पांच लाख तक जुर्माना
नई दिल्ली, 21 नवंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली सरकार अपने वैज्ञानिक और जमीनी स्तर पर केंद्रित विंटर एक्शन प्लान पर तेजी से काम कर रही है। इन्हीं प्रयासों के तहत दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने रोड कटिंग और नि
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा (फाइल फोटो)


नई दिल्ली, 21 नवंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली सरकार अपने वैज्ञानिक और जमीनी स्तर पर केंद्रित विंटर एक्शन प्लान पर तेजी से काम कर रही है। इन्हीं प्रयासों के तहत दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने रोड कटिंग और निर्माण गतिविधियों से फैलने वाली धूल को रोकने के लिए अपने दिशा-निर्देशों के कड़े अनुपालन पर जोर दिया है।

पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि रोड कटिंग और निर्माण से उठने वाली धूल दिल्ली में पीएम 2.5 का बड़ा कारण है। इन दिशा-निर्देशों का पालन बिल्कुल अनिवार्य है ताकि हम लोगों की सेहत की रक्षा कर सकें और दिल्ली की हवा को साफ बना सकें।

डीपीसीसी के दिशा-निर्देशों के तहत एजेंसियों और ठेकेदारों को अनिवार्य रूप से निम्न कदम उठाने होंगे। इसमें 18 मीटर से अधिक चौड़ी सड़कों पर रोड कटिंग के साथ 2 मीटर ऊंची धूल/विंड बैरियर लगाना, ढीली मिट्टी और निर्माण मलबे को ढककर रखना और गीला रखने के लिए पानी का छिड़काव, स्टोर किए गए सामग्री पर तिरपाल/ग्रीन नेट लगाना और ट्रांसपोर्ट के लिए इस्तेमाल हो रहे वाहनों को पूरी तरह ढककर चलाना, निर्माण मलबा केवल निर्धारित स्थान पर ही रखना, कच्ची या ढीली सतहों पर नियमित पानी का छिड़काव, सभी मजदूरों को सुरक्षा उपकरण और मास्क उपलब्ध कराना, रोड बहाली की समयसीमा और ट्रैफिक डायवर्जन का स्पष्ट साइन बोर्ड, सामग्री ढोने वाले सभी वाहनों का पीयूसी प्रमाणित होना अनिवार्य है।

मंत्री ने कहा कि उल्लंघन पर बिल्कुल भी ढील नहीं दी जाएगी। नियमों का पालन न करने पर पांच लाख तक का पर्यावरण मुआवजा लगेगा। हमारी टीमें लगातार साइट्स का निरीक्षण कर रही हैं और हर गतिविधि पर नजर रख रही हैं। दिल्ली सरकार ने सभी एजेंसियों, ग्राउंड अधिकारियों और ठेकेदारों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे डीपीसीसी के नियमों का पूरी सख्ती से पालन करें और प्रदूषण रोकने के सामूहिक प्रयास का हिस्सा बनें।

सिरसा ने दोहराते हुए कहा कि हमारी टीमें हर स्थल को मॉनिटर कर रही हैं। किसी भी तरह की चूक पर तुरंत कार्रवाई होगी। रोड वर्क से जुड़े हर पक्ष का पूरा सहयोग ज़रूरी है।

मंत्री ने बताया कि निर्माण स्थलों पर मजदूरों और ट्रक ड्राइवरों द्वारा बायोमास जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए 305 कम्युनिटी किचन चलाए जा रहे हैं, जहां 5000 से अधिक लोगों को रोजाना भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। इसी तरह धूल को नियंत्रित करने के लिए औसतन 3000 किलोमीटर सड़कों की दैनिक मैकेनिकल रोड स्वीपर से सफाई की जा रही है। दिल्ली की सीमाओं पर प्रदूषण फैलाने वाले बाहर के ट्रकों को रोका जा रहा है, ताकि गैर-मानक वाहन शहर में प्रवेश न कर सकें। साथ ही निर्माण और ध्वस्तीकरण स्थलों पर सख़्त कार्रवाई की जा रही है। नियमों का पालन न करने वाले 50 से अधिक प्रोजेक्ट बंद किए जा चुके हैं। दिल्ली सरकार प्रदूषण से निपटने के लिए ज़मीन पर सघन और साइंटिफिक आधारित सुधार लगातार लागू कर रही है।

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हिन्दुस्थान समाचार / धीरेन्द्र यादव