Enter your Email Address to subscribe to our newsletters

मीरजापुर, 2 नवंबर (हि.स.)। सिखों के प्रथम गुरु, गुरु नानक देव महाराज के प्रकाशोत्सव के पावन अवसर पर रविवार को नगर में भव्य शोभायात्रा निकली। इस शाेभायात्रा ने भक्ति, श्रद्धा और वीरता का ऐसा संगम प्रस्तुत किया कि पूरा शहर “वाहे गुरु जी का खालसा, वाहे गुरु जी की फतेह” के जयघोष से गूंज उठा।
रतनगंज गुरुद्वारा से आरंभ हुई यह शोभायात्रा डंकीनगंज, गिरधर का चौराहा, खजांची चौराहा, घंटाघर, त्रिमुहानी, नारघाट, नवीन टॉकीज, लालडिग्गी, गणेशगंज और इमरती रोड होते हुए पुनः गुरुद्वारा पहुंची। मार्ग में श्रद्धालुओं ने फूलों की वर्षा कर शोभायात्रा का स्वागत किया।
शोभायात्रा का मुख्य आकर्षण रहा खालसा पंथ के वीर दस्ते का अद्भुत प्रदर्शन। परंपरागत नीली वेशभूषा में सजे खालसा वीरों ने अपने साहसिक करतबों से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। किसी ने आंखों पर पट्टी बाँधकर तलवार से मुंह में रखा केला काटा, तो किसी ने सिर पर रखे सेब को एक ही वार में दो भागों में बाँट दिया। तीन सरदारों के शरीर पर कीलों वाले पटरे रखकर उस पर पत्थर तोड़ने जैसे करतबों ने दर्शकों को रोमांचित कर दिया। राहगीरों और श्रद्धालुओं के लिए रास्तेभर शरबत, प्रसाद और लंगर सेवा की व्यवस्था की गई थी। पूरे नगर में गुरुबाणी की मधुर ध्वनियां गूंजती रहीं, जिससे वातावरण आध्यात्मिकता से सराबोर हो गया।
शोभायात्रा के उपरांत गुरुद्वारा परिसर में विशेष कीर्तन दरबार का आयोजन हुआ, जहां रागी जत्थों ने गुरुवाणी का गुणगान किया और गुरु नानक देव तथा गुरु गोविंद सिंह जी के जीवन से जुड़े प्रेरणादायक प्रसंगों का स्मरण कराया।
गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि गुरु नानक देव जी का जीवन मानवता, समानता और सत्य की मिसाल है और उनका संदेश आज भी समाज को प्रेम और एकता की दिशा देता है। इस दौरान महिलाओं, बच्चों और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी रही, जिससे पूरा नगर एक दिव्य आध्यात्मिक उत्सव में डूब गया।
----------------
हिन्दुस्थान समाचार / गिरजा शंकर मिश्रा