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जयपुर, 25 अक्टूबर (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट ने पशु परिचर भर्ती-2023 में नियुक्ति देने के बाद अभ्यर्थी का चयन निरस्त करने के आदेश पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही अदालत ने मामले में प्रमुख पशुपालन सचिव और निदेशक सहित कर्मचारी चयन बोर्ड को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। जस्टिस अशोक कुमार जैन की एकलपीठ ने यह आदेश अशोक कुमार धाकड़ की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि कर्मचारी चयन बोर्ड ने अक्टूबर, 2023 में पशु परिचर के करीब छह हजार पदों पर भर्ती निकाली थी। जिसकी लिखित परीक्षा के बाद बोर्ड ने याचिकाकर्ता सहित अन्य अभ्यर्थियों को दस्तावेज सत्यापन के लिए बुलाया। वहीं गत 29 सितंबर को याचिकाकर्ता को अजमेर जिले में नियुक्ति दी गई। याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार ने गत 13 अक्टूबर को उसकी नियुक्ति को यह कहते हुए निरस्त कर दिया कि उसने अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक प्रकरण की जानकारी नहीं दी थी। याचिकाकर्ता की ओर से राज्य सरकार की ओर से की गई इस कार्रवाई को चुनौती देते हुए कहा गया कि उसके खिलाफ साल 2022 में साधारण मारपीट को लेकर मामला दर्ज हुआ था। वहीं पुलिस ने जांच के बाद प्रकरण को झूठा पाकर मामले में एफआर पेश कर दी। दूसरी ओर विभाग ने उसकी नियुक्ति को रद्द करने से पहले याचिकाकर्ता को पक्ष रखने का मौका नहीं दिया। ऐसे में उसकी नियुक्ति को रद्द करने के आदेश को निरस्त किया जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को हटाने के आदेश पर अंतरिम रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / पारीक