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श्रीनगर, 25 अक्टूबर (हि.स.)। सोशल मीडिया के माध्यम से संचालित पाकिस्तान समर्थित आतंकी प्रचार और भर्ती नेटवर्क के खिलाफ एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए काउंटर इंटेलिजेंस कश्मीर (सीआईके) ने आज एनआईए अधिनियम, श्रीनगर के तहत नामित विशेष न्यायाधीश की माननीय अदालत के समक्ष एफआईआर संख्या 07/2023 यू/एस 153-ए, 505, 506 आईपीसी, 13, 18, 18-बी, 39 यूएपीए के तहत पुलिस स्टेशन सीआईके श्रीनगर के मामले में आतंकवादी सहयोगी आदिल अहमद खान पुत्र गुलाम मोहम्मद खान निवासी ड्रिएन काजीगुंड, अनंतनाग के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया।
एजेंसी द्वारा जारी बयान के अनुसार यह मामला एक आतंकी भर्ती मॉड्यूल से संबंधित है जिसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से गुप्त रूप से संचालित किया जा रहा है और जिसका उद्देश्य जम्मू-कश्मीर के प्रभावशाली युवाओं को प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों, विशेष रूप से सीमा पार पाकिस्तान से प्रायोजित और नियंत्रित संगठनों में कट्टरपंथी बनाना और भर्ती करना है।
मामले का विवरण देते हुए बयान में कहा गया है कि जाँच विश्वसनीय जानकारी के आधार पर शुरू की गई थी कि पाकिस्तान स्थित बेईमान व्यक्ति और संस्थाएँ लश्कर-ए-तैयबा और अन्य प्रतिबंधित संगठनों के आतंकवादी आकाओं के साथ मिलकर कश्मीरी युवाओं को लुभाने और उन्हें भारत की संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए उकसाने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे थे।
जांच के दौरान तीन आरोपियों को पहले ही संलिप्त पाया गया था और माननीय न्यायालय के समक्ष आरोप पत्र दायर किया गया था जिनकी पहचान वसीम अहमद शेख पुत्र ग़ैर मोहम्मद शेख निवासी कंदूरा बडगाम, जुनैद अहमद मीर पुत्र स्वर्गीय अब्बू जब्बार मीर निवासी टिक्कीपोरा लोलाब और शब्बीर अहमद गोजरी पुत्र अब्बू सलाम निवासी दरबाग हरवान श्रीनगर के रूप में हुई थी।
बयान में यह भी कहा गया है कि आगे की जाँच में आरोपी आदिल अहमद खान की सक्रिय भूमिका का पता चला जो फेसबुक और ट्विटर के माध्यम से एक समर्पित ऑनलाइन भर्ती नेटवर्क चला रहा था और अलगाववादी, राष्ट्र-विरोधी और आतंकवाद-समर्थक सामग्री प्रसारित कर रहा था। उसकी ऑनलाइन गतिविधियों का उद्देश्य आतंकवाद का महिमामंडन करना, हिंसक उग्रवाद को बढ़ावा देना और युवाओं को प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों में शामिल होने के लिए प्रेरित करना था।
जाँच से यह पता चला कि आदिल अहमद खान पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों और उनके सहयोगियों/मुखौटा संगठनों के एजेंडे से जुड़ी डिजिटल सामग्री को साझा और प्रचारित करके आतंकवादी दुष्प्रचार में सक्रिय रूप से सहायता और बढ़ावा दे रहा था। उसके ऑनलाइन कट्टरपंथीकरण प्रयासों के साथ-साथ जमीनी स्तर पर आतंकवादी भर्ती की सुविधा भी शामिल थी।
बयान में कहा गया है कि सीआईके द्वारा मामला दर्ज कर उसकी जाँच की जा रही है जिसका उद्देश्य केंद्र शासित प्रदेश के भीतर और बाहर से संचालित होने वाले संचालकों, समर्थकों और डिजिटल सुविधाकर्ताओं सहित व्यापक ऑनलाइन आतंकवादी पारिस्थितिकी तंत्र की पहचान और उसे नष्ट करना है।
सीआईके अधिकारियों ने कहा कि जाँच आगे बढ़ने पर और गिरफ्तारियाँ और खुलासे होने की उम्मीद है। बयान में आगे कहा गया है कि यह कार्रवाई काउंटर इंटेलिजेंस कश्मीर और जम्मू-कश्मीर पुलिस की भौतिक और डिजिटल दोनों तरह के आतंकवादी नेटवर्क को बेअसर करने और घाटी के युवाओं को पाकिस्तान प्रायोजित दुष्प्रचार तंत्र द्वारा शोषण से बचाने की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।
हिन्दुस्थान समाचार / बलवान सिंह