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मुंबई 24 अक्टूबर ( हि.स.) । ठाणे शहर में 40 जगहों पर शुरू किया गया अपना अस्पताल फिलहाल बंद हो गया है और ठेकेदार कंपनी यहाँ काम करने वाली नर्सों का वेतन भी नहीं दे रही है, सर उनकी रोजी रोटी भी का संकट पैदा हो गया है इसलिए अब उन्होंने ठाणे के विधायक संजय केलकर से न्याय की माँग की है। ऐसी भी चर्चा है कि इन अस्पतालों के बंद होने से दूसरे व्यवसायों ने इन पर कब्ज़ा कर लिया है।
ठाणे शहर में 40 जगहों पर चल रहे इन अस्पतालों में काम करने वाले कर्मचारी और नर्सें बेरोज़गार हो गए हैं और उनका छह महीने का वेतन भी बकाया है। इन कर्मचारियों ने 'जन सेवाकच जन संवाद' कार्यक्रम में विधायक संजय केलकर को ज्ञापन देकर यह वेतन दिलाने की माँग की है।
इस बारे में बात करते हुए, ठाणे शहर के बीजेपी विधायक संजय केलकर ने कहा कि ठाणे नगर निगम ने हमारे अस्पताल की पहल को लागू करने के लिए बैंगलोर की मेडको नामक कंपनी को ठेका दिया था। इस कंपनी का अक्टूबर तक का ठेका था, लेकिन ये अस्पताल अगस्त में ही बंद हो गए। इससे पहले, कंपनी ने कर्मचारियों को पिछले छह महीनों से वेतन नहीं दिया था। इस वजह से कर्मचारियों की दिवाली भी फीकी रही। हालाँकि प्रशासन का कहना है कि इस कंपनी पर 56 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है, लेकिन यह कंपनी नगर निगम की कद्र नहीं करती। इसलिए, ठाणे विधायक केलकर ने मांग की कि नगर निगम कंपनी से सारा जुर्माना वसूल करे, कर्मचारियों का बकाया वेतन दे और संबंधित कंपनी को ब्लैकलिस्ट करे। यह मामला बेहद गंभीर है और प्रशासन को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए, अन्यथा ये कर्मचारी नगर निगम मुख्यालय पर विरोध मार्च निकालेंगे, केलकर ने चेतावनी भी दी।
विधायक संजय केलकर का कहना है कि एक पहल शुरू करो, बंद हो जाए तो दूसरी पहल शुरू करो। नगर निगम कोई प्रयोगशाला नहीं है। जनता को बेतरतीब सेवाएँ देने वाली व्यवस्था नहीं चाहिए, नगर निगम को एक ऐसी व्यवस्था स्थापित करनी चाहिए जो सक्षम स्वास्थ्य सेवा प्रदान करे, ।
यद्यपि देखा जा रहा है कि बंद पड़े अस्पतालों की जगह कई जगहों पर दूसरे व्यवसाय शुरू हो गए हैं और एक जगह तो साड़ी की दुकान भी शुरू हो गई है।
शुक्रवार को ठाणे में खोपट स्थित भाजपा कार्यालय में आयोजित जनसेवक जनसंवाद कार्यक्रम में कई नागरिकों ने विधायक संजय केलकर को विभिन्न समस्याओं से संबंधित ज्ञापन सौंपा। इनमें बिल्डरों द्वारा निवासियों के साथ की गई धोखाधड़ी, उत्तराधिकार के अधिकार संबंधी मामले, पानी की कमी, नगर निगम से संबंधित शिकायतें, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे मुद्दे शामिल थे। इस अवसर पर पूर्व उपमहापौर अशोक भोईर, पूर्व नगरसेवक भरत चव्हाण, राजेश गाडे आदि उपस्थित थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / रवीन्द्र शर्मा