जिले में यूथ आइकॉन दो पूर्व पुलिस अधिकारी चुनावी समर में
अररिया फोटो:शिवदीप लांडे


अररिया फोटो:अखिलेश कुमार


अररिया, 18 अक्टूबर(हि.स.)।

अररिया जिला में छह विधानसभा हैं।इन छह विधानसभा क्षेत्रों के चुनावी समर के लिए नामांकन पर्चा दाखिल करने का सिलसिला लगातार जारी है। मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों और रजिस्ट्रीकृत राजनीतिक दलों के साथ निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उम्मीदवार नामांकन कर रहे हैं।

जिले की चुनावी समर में दो पूर्व पुलिस अधिकारी व्यवस्था परिवर्तन को लेकर ताल ठोक दिए हैं।जिनमें एक 2006 बैच के पूर्व आईपीएस शिवदीप वामनराव लांडे हैं तो दूसरा बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा में नौवीं वरीयता प्राप्त कर डीएसपी बने पूर्व डीएसपी अखिलेश कुमार शामिल हैं।शिवदीप वामनराव लांडे जहां अररिया से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन पर्चा दाखिल किया है तो अखिलेश कुमार नरपतगंज विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन पर्चा दाखिल किया है।शिवदीप वामनराव लांडे 2024 में जहां पूर्णिया में आईजी के पद पर रहते हुए अपने पद से इस्तीफा दिया तो अखिलेश कुमार ने भी किशनगंज में डीएसपी रहने के बाद अपने पद से इस्तीफा देकर पटना साइंस कॉलेज में प्राणीविज्ञान के सहायक प्राध्यापक के पद पर हैं और शिक्षा दान से जुड़े हैं। दोनों पुलिस अधिकारी जिले में यूथ के आइकॉन हैं।

शिवदीप वामनराव लांडे अररिया में एसपी रह चुके हैं और बतौर एसपी ने अपने कार्यकाल में अपराधियों के खिलाफ किए गए ताबड़तोड़ एक्शन से जिले में अपनी अमिट छाप छोड़े हुए है।उनके समय में जिले के सारे अपराधी जिले छोड़कर बाहर थे और पूरे जिले की अमन चैन को लेकर विधि व्यवस्था संधारण की पूरी कमान अपने हाथों में रखे हुए था।घटनाएं घटित होने पर थाना पुलिस से पहले खुद के घटनास्थल पर पहुंचकर मौके से ही कई घटनाओं का उद्भेदन इस समय जिले में उन्हें सुपर कॉप बना दिया था।फारबिसगंज में हाथी दांत प्रकरण हो या रानीगंज के कब्र से लाश गायब किए जाने का मामला या फिर सामाजिक आर्थिक अपराध,सभी मामलों में उनकी ओर से किए गए कार्रवाई को आज भी लोगों के जेहन में कैद कर रखा है।

दूसरी ओर नरपतगंज प्रखंड के ही निवासी पूर्व डीएसपी अखिलेश कुमार वर्तमान में पटना साइंस कॉलेज में सहायक प्राध्यापक के पद पर हैं और पटना में पढ़ने वाले जिले के गरीब मेधावी बच्चों को मुफ्त पढ़ाने के साथ ही कैरियर को लेकर काउंसलर की भूमिका में है।छुट्टी के समय घर आने पर गांव ज्वार के साथ ही विभिन्न स्थानीय कोचिंग में मुफ्त पढ़ाने के साथ कैरियर काउंसिलिंग में लगे हैं।इसके अलावे ऑनलाइन भी युवाओं का मार्गदर्शन करते हैं।उनके सलाह पर जिले के दर्जनों युवाओं ने विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षा में सफलता अर्जित की है।अखिलेश कुमार पूर्व में लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं और चुनावी कैंपेन के दौरान उनके द्वारा मतदाताओं से की गई यह अपील कि आप वोट दें या न दें,अपने बच्चों को भविष्य के लिए अपने लाल को मुझे दें,मैं उन्हें सही मार्गदर्शन कर सरकारी नौकरी दिलाने के साथ जिम्मेवार नागरिक बनाऊंगा,ने गांव ज्वार में बुजुर्ग मतदाताओं में अलग स्थान बनाया।आज भी ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं के बीच उनकी ओर से की जाने वाली शिक्षा दान चर्चा के केंद्र में रहती है।

अररिया विधानसभा क्षेत्र से चुनावी समर में कूदे पूर्व आईपीएस शिवदीप वामनराव लांडे का यह पहली चुनावी समर है।जहां उन्होंने अररिया के साथ मुंगेर के जमालपुर से चुनावी अखाड़े में हैं।दोनों स्थानों पर उनकी ओर से नामांकन पर्चा दाखिल कर दिया है।हालांकि महाराष्ट्र के सियासत में उनके ससुर शिवसेना शिंदे गुट के नेता हैं और पुरंदर के विधायक हैं विजय शिवतारे।महाराष्ट्र सरकार में वे मंत्री भी रह चुके हैं और देश के जाने माने उद्योगपति हैं।वहीं उनकी पत्नी डॉ ममता देश का बड़े बड़े अस्पतालों में अपनी सेवा देने के बाद उद्यमी के रूप में अपने को स्थापित किए हुए है।

जबकि पूर्व डीएसपी अखिलेश कुमार पिछले विधानसभा चुनाव में नरपतगंज के चुनावी समर में थे और स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चौथे स्थान पर रहकर 4,891 मत प्राप्त किए थे।पिछले लोकसभा चुनाव में उन्होंने अपने भाग्य की आजमाइश की थी और लोकसभा चुनाव में उन्हें निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में 5,120 मत प्राप्त हुआ था। बिहार के चुनावी समर में अररिया जिला से दो पूर्व पुलिस अधिकारी अखाड़े में हैं और इन दोनों पुलिस अधिकारियों को जनता का किस तरह प्यार और भरोसा मिलता है,वह तो चुनाव के परिणाम में ही पता चल पाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार / राहुल कुमार ठाकुर