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नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (हि.स.)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने एयरसेल-मैक्सिस डील और आईएनएक्स मामलों में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी)
की ओर से दाखिल केस में आरोपित कार्ति चिदंबरम को विदेश जाने की अनुमति लेने की शर्त में छूट दे दी है। जस्टिस रविंद्र डूडेजा की पीठ ने कहा कि कार्ति चिदंबरम को हर बार विदेश जाने के पहले ट्रायल कोर्ट की अनुमति लेने की कोई जरुरत नहीं है।
कोर्ट ने कार्ति चिदंबरम को निर्देश दिया कि वो विदेश जाने के दो हफ्ते पहले अपनी यात्रा का पूरा विवरण संबंधित प्राधिकार को उपलब्ध कराएंगे। दरअसल, कार्ति पर दोनों मामलों में जमानत देते समय बिना विदेश जाने के पहले कोर्ट की अनुमति लेने की अनिवार्यता की शर्त लगाई गई थी। कार्ति चिदंबरम को विदेश जाने के पहले ट्रायल कोर्ट में याचिका दायर कर अनुमति लेनी होती थी।
कोर्ट ने 27 नवंबर, 2022 को सीबीआई और ईडी की ओर से आरोपितों के खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। कोर्ट ने पी. चिदंबरम और उनके पुत्र कार्ति चिदंबरम समेत सभी आरोपितों को समन जारी किया था। ईडी की ओर से दाखिल केस में .पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम आरोपी हैं। इनके अलावा मेसर्स पद्मा भास्कर रमन, मेसर्स एडवांटेजेज स्ट्रेटैजिक कंसल्टिंग प्राईवेट लिमिटेड और मेसर्स चेस मैनेजमेंट सर्विसेज प्राईवेट लिमिटेड को भी आरोपी बनाया गया है।
सीबीआई की ओर से दाखिल केस में पी. चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम के अलावा अशोक कुमार झा, कुमार संजय कृष्णा, दीपक कुमार सिंह, राम शरण, ए पलनिअप्पन, मेसर्स ऐस्ट्रो ऑल एशिया नेटवर्क्स पीएलसी, मेसर्स मैक्सिस मोबाइल एसडीएन बीएचडी, मेसर्स भूमि अरमादा बेरहाद, भूमि अरमादा नेविगेशन एसडीएन बीएचडी, टी आनंद कृष्णन, अगस्तस राल्फ मार्शल, मेसर्स एडवांटेज स्ट्रेटैजिक कंसल्टिंग प्राईवेट लिमिटेड, एस भास्करन और वी श्रीनिवासन शामिल हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/संजय
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हिन्दुस्थान समाचार / अमरेश द्विवेदी